Tanot Mata Mandir: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस संदर्भ में 1965 का वर्ष याद आता है, जब भारत ने पाकिस्तान को निर्णायक रूप से हराया था. उस समय राजस्थान के जैसलमेर में स्थित तनोट माता मंदिर परिसर पर पाकिस्तानी सेना ने लगभग 450 बम गिराए थे, लेकिन मंदिर में एक भी बम नहीं फटा.
देवी तनोट माता की कृपा इस मंदिर पर
1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान, पाकिस्तान की सेना ने तनोट माता मंदिर पर भारी बमबारी की. कहा जाता है कि 1965 में पाकिस्तान ने मंदिर पर लगभग 3000 बम गिराए, जिनमें से 450 बम मंदिर परिसर में गिरे, लेकिन एक भी बम नहीं फटा. इसी तरह, 1971 में भी मंदिर पर हमले हुए, लेकिन कोई भी बम विस्फोटित नहीं हुआ, पाकिस्तानी सेना द्वारा गिराए गए इस मंदिर के संग्रहालय में आज भी ये बम सुरक्षित हैं. स्थानीय मान्यता के अनुसार, यह देवी तनोट माता की कृपा का परिणाम था, जिसने मंदिर और वहां तैनात सैनिकों की रक्षा की.
फिल्म ‘बॉर्डर’ में मंदिर का चित्रण
तनोट माता मंदिर की वीरता और अद्भुत सुरक्षा को फिल्म ‘बॉर्डर’ में भी दर्शाया गया है. यह फिल्म 1971 के युद्ध और लोंगेवाला पोस्ट की लड़ाई पर आधारित है, जिसमें भारतीय सैनिकों की साहसिकता को प्रदर्शित किया गया है. मंदिर की महिमा और युद्ध के दृश्य फिल्म में जीवंत रूप से प्रस्तुत किए गए हैं.
BSF के जवान करते हैं देखभाल
1965 में पाकिस्तानी सेना ने इस क्षेत्र में कब्जा करने के उद्देश्य से आक्रमण किया था. यहां तक कि पाकिस्तानी सेना हमारी सीमा में चार किलोमीटर तक घुस आई थी. इसके पश्चात भारतीय सेना ने प्रतिरोध किया और पाकिस्तानी सेना को क्षति पहुंचाई, जिसके परिणामस्वरूप वे पीछे हट गई. इसके बाद इस मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने संभाली थी. आज भी मंदिर की देखभाल बीएसएफ के जवान करते हैं, जो मंदिर की सफाई और प्रतिदिन होने वाली आरती का आयोजन करते हैं. यह मंदिर भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद काफी प्रसिद्ध हो गया था.