Spiritual Uses of Sindoor : सिंदूर हिन्दू संस्कृति में विवाहित स्त्रियों के लिए बेहद ज्यादा पवित्र और मंगलकारी प्रतीक माना जाता है. यह न केवल सौभाग्य का सूचक है, बल्कि पारिवारिक सुख-शांति का आधार भी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सिंदूर देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम है. इसके नियमित प्रयोग से घर में पॉजिटिव एनर्जी और आपसी प्रेम बना रहता है:-

– मंगलसूचक एवं सौभाग्य का प्रतीक
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, सिंदूर स्त्री के सौभाग्य और पति की लंबी आयु का प्रतीक होता है. जब विवाहित स्त्री प्रतिदिन सिंदूर लगाती है, तो यह देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करने का माध्यम बनता है. यह पारिवारिक सुख-शांति बनाए रखने में सहायक होता है. धार्मिक मान्यता है कि जहां स्त्रियां सिंदूर धारण करती हैं, वहां गृह कलह, दरिद्रता और नकारात्मक शक्तियां नहीं ठहरतीं.
– देवी शक्ति की कृपा प्राप्ति
हिंदू धर्म में सिंदूर को देवी शक्ति का रूप माना गया है. विशेषकर शुक्रवार और नवरात्रि के दिनों में जब स्त्रियाँ श्रद्धा पूर्वक सिंदूर धारण करती हैं और देवी को सिंदूर अर्पित करती हैं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इससे पारिवारिक सदस्यों के बीच प्रेम और समर्पण की भावना बढ़ती है, जिससे कलह की संभावना घट जाती है.
– मन-मस्तिष्क की शुद्धि और मानसिक शांति
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी सिंदूर में ऐसे तत्व होते हैं जो मानसिक तनाव को कम करते हैं. जब स्त्री सिंदूर को मांग में लगाती है, तो यह ‘अज्ञा चक्र’ पर प्रभाव डालता है, जिससे मन शांत रहता है. शास्त्रों में कहा गया है, “शांत चित्त में ही शांत परिवार का वास होता है” अतः मानसिक शांति पारिवारिक समरसता का मूल कारण बनती है.
– वैवाहिक संबंधों में मजबूती
सिंदूर पति-पत्नी के बीच गहरे प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. जब स्त्री यह सौभाग्यचिह्न गर्व से धारण करती है, तो यह न केवल उनके संबंध को दृढ़ करता है, बल्कि पारिवारिक जीवन में स्थायित्व लाता है. धर्मग्रंथों में कहा गया है कि पत्नी द्वारा सिंदूर धारण करना पति को आध्यात्मिक रूप से सुरक्षित रखता है, जिससे कलह के कारणों का स्वतः निवारण हो जाता है.
– नेगेटिव एनर्जी और दोषों का नाश
सिंदूर को शास्त्रों में शुभ और पवित्र माना गया है. इसका नियमित प्रयोग नेगेटिव शक्तियों और राहु-केतु जैसे दोषों को शांत करता है. पंडितों के अनुसार, यदि पति-पत्नी के बीच मतभेद अधिक हों, तो स्त्री को शनिवार और मंगलवार को विशेष मंत्रों के साथ सिंदूर लगाना चाहिए. इससे गृह क्लेश दूर होता है और घर में शांति का वातावरण बनता है.
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सिंदूर केवल एक श्रृंगार का साधन नहीं, अपितु धर्म, ऊर्जा और प्रेम का केंद्र है. इसका धार्मिक महत्व हमारे पारिवारिक जीवन को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण करने से निश्चित ही पारिवारिक कलह दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.