26.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

आज रखा जा रहा है Shukra Pradosh Vrat 2025, इस विधि से करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

Shukra Pradosh Vrat 2025 : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित रूप से प्रत्येक मास आने वाले प्रदोष व्रत का पालन करता है, उसकी सभी इच्छाएं भगवान शिव पूर्ण करते हैं और उसके जीवन से दुख, संकट और परेशानियां दूर हो जाती हैं. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है, और इस दिन श्रद्धा व विधि-विधान से दोनों की पूजा की जाती है. ऐसा विश्वास है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के दोषों का नाश हो जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Shukra Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है. मान्यता है कि जो इस दिन पूरे दिन व्रत रखकर भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. यहां हम बैशाख प्रदोष व्रत के बारे में चर्चा करेंगे, जो शुक्र प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाता है. यह व्रत 25 अप्रैल को मनाया जाएगा. जब भी शुक्रवार को प्रदोष व्रत होता है, इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है. आइए, तिथि और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं…

शुक्र प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व होता है, विशेषकर प्रदोष काल में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस बार शुक्र प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 53 मिनट से आरंभ होकर रात 9 बजकर 3 मिनट तक रहेगा. पूजा के लिए यह कुल 2 घंटे 10 मिनट का समय सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस अवधि में की गई पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

27 अप्रैल से लेकर 3 मई 2025 का साप्ताहिक राशिफल

शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  • प्रदोष तिथि पर भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व होता है. इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें.
  • इसके बाद शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें और फिर दूध, दही, शहद व बेलपत्र अर्पित करें.
  • फिर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें.
  • इसके पश्चात षोडशोपचार विधि से भगवान शिव का पूजन करें. सूर्यास्त के बाद पुनः विधिवत पूजा करें और प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें.
  • चूंकि यह व्रत शुक्रवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग अर्पित करें — इससे उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel