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Shanti Devi Reincarnation: गांधी जी भी रह गए हैरान, जब एक बच्ची ने बताया अपना पिछला जन्म

Reincarnation of Shanti Devi: भारत के हृदय में, 20वीं सदी की शुरुआत में एक अनोखी कहानी सामने आई - एक ऐसी कहानी जिसने जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के बारे में हमारी समझ को चुनौती दी. शांति देवी, एक साधारण सी बच्ची, ने न केवल महात्मा गांधी को अपने पुनर्जन्म के बारे में समझाया, बल्कि अपने पिछले जीवन को याद करने की एक अनोखी क्षमता का भी प्रदर्शन किया.

Shanti Devi Reincarnation: इंसान कब जन्म लेगा और कब इस संसार से विदा लेगा — यह उसके बस में नहीं होता. जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि सब कुछ क्षणिक है — एक पल में जीवन है और अगले ही पल मृत्यु. जन्म और मृत्यु को लेकर अनेक किंवदंतियां हमारे समाज में प्रचलित हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे अनेक किस्से सुनने को मिलते हैं, जहां लोगों ने अपनी मृत्यु का समय, परिस्थिति और यहां तक कि पहनावे तक की भविष्यवाणी कर दी थी.

कई लोग इन बातों को सत्य मानते हैं, तो कुछ इन्हें सिर्फ कल्पना समझते हैं. ऐसी ही एक रहस्यमयी अवधारणा है, पुनर्जन्म. दुनिया की कई संस्कृतियों और धर्मों में पुनर्जन्म पर आस्था रखी जाती है. हालांकि, आज तक विज्ञान इसे प्रमाणित नहीं कर सका है. यह समझना अब भी मुश्किल है कि कोई व्यक्ति कैसे अपने पिछले जन्म की बातें याद रख सकता है या अपनी मृत्यु की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है. लेकिन यहां बात केवल तर्क की नहीं, विश्वास की है.कहते हैं जब आस्था हो, तो पत्थर में भी भगवान नजर आने लगते हैं. यही विश्वास, कई बार विज्ञान से भी आगे निकल जाता है.

मेटाफिजिक्स की नजर से समझें पुनर्जन्म की सच्चाई

वर्ष 1926 में जन्मी शांति देवी पुनर्जन्म की अवधारणा का एक अत्यंत रहस्यमयी और चर्चित उदाहरण मानी जाती हैं. उनका दावा था कि उनके पिछले जन्म में उनका नाम “लुगदी देवी” था. दिल्ली में जन्मी शांति देवी ने मात्र चार वर्ष की उम्र में अपने पिता से कहना शुरू कर दिया था कि उनका असली घर यहाँ नहीं, बल्कि मथुरा में है, जहां उनके पति रहते हैं.

शुरुआत में परिवार ने उनकी बातों को बच्चों की कल्पना मानकर नजरअंदाज किया, लेकिन जब उनकी बातें लगातार और स्पष्ट होती गईं, तो सभी चौंक उठे. छह साल की उम्र में शांति देवी घर से निकल पड़ीं और लगभग 145 किलोमीटर दूर मथुरा पहुंच गईं, उस स्थान पर जिसे उन्होंने अपने पिछले जन्म का घर बताया था.

यह घटना महात्मा गांधी के समय की है. जब यह मामला गांधी जी के संज्ञान में आया, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए एक विशेष जांच समिति का गठन किया. हैरानी की बात यह है कि समिति ने गहराई से पड़ताल के बाद शांति देवी के दावों को सत्य के काफी निकट पाया.

इस असाधारण घटना ने न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के पत्रकारों और शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया. देश-विदेश से कई पत्रकारों ने शांति देवी का इंटरव्यू लिया और इस कहानी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खलबली मचा दी थी.

इतना ही नहीं, शांति देवी ने लुगदी देवी के रूप में मृत्यु के निकट अनुभव (Near Death Experience) के बारे में भी अपना अनुभव साझा किया, जिसने इस मामले को और भी रहस्यमय और विचारणीय बना दिया.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
A journalist with over 14 years of experience in print and digital media, specializing in the Religion and Astrology section. Additionally, involved in creating content on Palmistry, Zodiac Traits. Also worked for Entertainment, Life Style and Education Section.

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