Paush Purnima 2026 dos and donts: हिंदू पंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा वर्ष 2026 में 3 जनवरी, शनिवार को मनाई जाएगी. यह तिथि धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र मानी जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. पौष पूर्णिमा से ही माघ मेले की शुरुआत भी होती है और स्नान, दान व पूजा का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन की गई छोटी-सी गलती भी मां लक्ष्मी को नाराज कर सकती है, जिससे पूरे साल आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
सूर्योदय के बाद सोना
पौष पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठना अत्यंत शुभ माना गया है. देर तक सोने से सूर्य देव और मां लक्ष्मी की कृपा से वंचित रहना पड़ सकता है. इससे आलस्य बढ़ता है और भाग्य का साथ कमजोर हो सकता है. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान और पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.
लड़ाई-झगड़ा या बहस करना
पूर्णिमा के दिन घर में कलह, झगड़ा या किसी से बहस करना अशुभ माना गया है. इससे घर की सकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं. क्रोध और कठोर वाणी से आर्थिक तंगी और रिश्तों में तनाव बढ़ता है. इस दिन शांत रहना ही श्रेष्ठ माना गया है.
तामसिक भोजन का सेवन
पौष पूर्णिमा पर केवल सात्विक भोजन करना चाहिए. मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन मां लक्ष्मी को अप्रसन्न करता है. इससे धन हानि, करियर में रुकावट और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं. फल, दूध, चावल और सात्विक आहार ही ग्रहण करें.
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कर्ज का लेन-देन
पूर्णिमा के दिन कर्ज लेना या देना अशुभ माना गया है. इससे धन का प्रवाह रुक जाता है और आर्थिक अस्थिरता आती है. इस दिन दान-पुण्य करना शुभ होता है, लेकिन लेन-देन से बचना चाहिए. जरूरी हो तो इसे अगले दिन के लिए टाल दें. पौष पूर्णिमा पर संयम, शुद्धता और श्रद्धा से किए गए कर्म मां लक्ष्मी की कृपा दिलाते हैं और पूरे साल सुख-समृद्धि बनाए रखते हैं.

