Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी व्रत पौष मास की कृष्ण पक्ष में रखा जाता है. पौष मास को हिंदू पंचांग में बहुत खास माना गया है. इस मास में भगवान सूर्य और तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है. तुलसी की उपासना और सूर्य देव की आराधना से जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है. इस साल पौष मास की कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी 15 दिसंबर को मनाई जाएगी. इसके अलावा, इस साल का अंतिम एकादशी यानी पुत्रदा एकादशी 30 दिसंबर को होगी. इन दोनों ही दिन माता तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करना आपके लिए बेहद लाभदायक हो सकता है.
एकादशी और तुलसी से जुड़े महत्वपूर्ण उपाय
- एकादशी के दिन तुलसी को जल न दें. इस दिन तुलसी को मिट्टी का तिलक करना चाहिए. माता तुलसी की जड़ से थोड़ी सूखी मिट्टी लेकर माथे पर तिलक करने से नकारात्मकता सकारात्मकता में बदल जाती है. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है.
- एकादशी का व्रत पूरा होने के बाद, द्वादशी के दिन तुलसी और चावल का दान बहुत शुभ माना जाता है. दक्षिणा के साथ चावल का दान करना भी बेहद लाभकारी होता है.
तुलसी तोड़ते समय ध्यान रखने ये बातें
- पुराणों में स्पष्ट नियम हैं कि तुलसी तोड़ते समय कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए. रविवार, एकादशी, द्वादशी, ग्रहण, पूर्णिमा, अमावस्या और सूर्य संक्रांति के दिन विशेष रूप से तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए.
- सूर्यास्त के बाद, रात के समय, बिना स्नान किए और तेल लगाकर अशुद्ध अवस्था में कभी भी तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए. इसके अलावा अशुद्ध मन या अशुद्ध स्थान पर तुलसी को तोड़कर न रखें. इन नियमों का पालन न करने पर भगवान नाराज होते हैं.
- इस दिन तुलसी के पौधे के पास गौघृत का दीपक जलाना भी शुभ होता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख और शांति बनी रहती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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