Kanya Sankranti: हिंदू धर्म में कन्या संक्रांति का विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करता है. माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से भक्तों पर सूर्य देव की कृपा बनी रहती है और स्वास्थ्य, यश, धन और जीवन में सफलता आती है.
यह समय पितृ पक्ष के आसपास आता है. ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की इस समय पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर-परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है. कन्या संक्रांति पर नदी में स्नान और सूर्य को अर्घ्य देने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि इस दिन भक्तों द्वारा किया गया दान और पूजा कई गुना फल देती है.
कब है कन्या संक्रांति?
इस साल कन्या संक्रांति और विश्वकर्मा पूजा एक ही दिन पड़ रही है. इस वर्ष 17 सितंबर 2024 नहीं 2025 को कन्या संक्रांति और विश्वकर्मा पूजा मनाया जाएगा. जिस कारण से यह और भी ज्यादा खास रहेगा. इस दिन दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेगा.
कन्या संक्रांति पूजा शुभ मुहूर्त
- पुण्य काल: दोपहर 1:46 बजे से शाम 6:19 बजे तक (करीब 4 घंटे 33 मिनट)
- महापुण्य काल: दोपहर 1:46 बजे से 3:31 बजे तक (करीब 1 घंटा 45 मिनट)
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