Chandra Grahan 2025: आने वाले 7 सितंबर 2025 को साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार यह ग्रहण भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर लगेगा. यह भारत सहित प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी देशों में दिखाई देगा. हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, वहीं खगोलशास्त्र इसे एक विशेष खगोलीय घटना के रूप में देखता है.
कब लगेगा चंद्रग्रहण?
- भारतीय समयानुसार ग्रहण का आरंभ रात 09:57 बजे होगा.
- ग्रहण का मध्यकाल : 11:41 बजे रात
- ग्रहण का मोक्ष (समाप्ति) : 01:27 बजे रात
- इस दौरान ग्रहण का पूरा प्रभाव भारतवर्ष में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा.
चंद्रग्रहण कैसे लगता है?
जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और पृथ्वी अपनी छाया से चंद्रमा को ढक देती है, तब चंद्रग्रहण होता है. यह प्रकृति का अद्भुत खगोलीय दृश्य है.
सूतक काल कब से?
चंद्रग्रहण से लगभग 9 घंटे पूर्व सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. इसलिए 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से सूतक का आरंभ होगा और ग्रहण के मोक्ष तक इसका प्रभाव रहेगा.
सूतक काल में क्या न करें?
- इस समय पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित रहते हैं.
- नए कार्यों की शुरुआत वर्जित है.
- भोजन पकाना और करना अशुभ माना जाता है.
- हालांकि छोटे बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों पर यह नियम लागू नहीं होता. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इस दौरान वातावरण में प्रदूषण और संक्रमण बढ़ने की संभावना रहती है.
किन राशियों पर पड़ेगा असर?
इस चंद्रग्रहण का नकारात्मक प्रभाव विशेष रूप से मकर, कुम्भ और मीन राशि के जातकों पर पड़ेगा. इन राशियों के लोगों को मानसिक अशांति, स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
उपाय: भगवान शंकर की पूजा करें, इष्टदेव का ध्यान करें और तिल का दान अवश्य करें.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594 / 9545290847

