Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज, जो एक जाने-माने आध्यात्मिक गुरु हैं, ने इस सवाल का उत्तर बेहद सरल और सहज तरीके से दिया. वे जीवन, भगवान की भक्ति और कर्मों की गहराई को सीधे शब्दों में समझाते हैं. उनके सत्संग में लोग जीवन के जटिल सवालों का समाधान ढूंढने आते हैं. एक बार उनके सामने यही सवाल रखा गया कि यदि कोई इंसान सच्चाई के रास्ते पर चलता है, किसी का नुकसान नहीं करता, फिर भी उसके जीवन में दुख क्यों आता है, जबकि कुछ लोग जो गलत काम करते हैं, आराम से जीते हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने इस सवाल का जवाब जीवन की गहरी सच्चाई को सरल शब्दों में समझाते हुए दिया.
अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है?
प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि हर व्यक्ति अपने किए हुए कर्मों का फल भोगता है. कभी-कभी जो व्यक्ति आज परेशानियों का सामना कर रहा है, हो सकता है कि उसने अपने पिछले जन्म में कुछ ऐसा किया हो, जिसका परिणाम अब उसके जीवन में दिखाई दे रहा है. हमारे कर्मों का असर सिर्फ इस जन्म तक सीमित नहीं होता. कई बार हम पिछले जन्मों के कर्मों के परिणाम वर्तमान में भुगतते हैं.
हर दुख से मिलती है सीख
महाराज जी यह भी बताते हैं कि जीवन में आने वाला हर अनुभव, हर तकलीफ, हमें कुछ न कुछ सिखाता है. ये कठिनाइयाँ हमें मजबूत, धैर्यशील और समझदार बनाती हैं.
बुरे कर्म करने वालें क्यों भोगते हैं सुख
कई लोग सोचते हैं कि गलत काम करने वालों को सजा तुरंत क्यों नहीं मिलती. महाराज जी के अनुसार, यदि कोई आज सुख में है, तो यह संभव है कि वह अपने पिछले अच्छे कर्मों का लाभ उठा रहा हो. लेकिन उसके वर्तमान बुरे कर्म भविष्य में उसे भुगतने ही होंगे, चाहे इसी जन्म में या अगले जन्म में.
क्या अच्छे-बुरे कर्मों का फल निश्चित होता है?
कोई भी कर्म बेकार नहीं जाता. अच्छे कर्मों का फल अच्छा और बुरे कर्मों का फल बुरा निश्चित रूप से मिलता है.
बेकार नहीं जाता अच्छे कर्मों का फल
प्रेमानंद महाराज बार-बार यही कहते हैं कि कोई भी कर्म बेकार नहीं जाता. अच्छे कर्मों का फल अच्छा और बुरे कर्मों का फल बुरा निश्चित रूप से मिलता है. इसलिए किसी की मौजूदा स्थिति देखकर यह अनुमान नहीं लगाना चाहिए कि उसके कर्म अच्छे या बुरे हैं.
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