Child Birth During Pitru Paksha: पितृ पक्ष, जो इस बार 7 सितंबर से 21 सितंबर तक है, श्राद्ध और तर्पण के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि मानी जाती है. यह समय न केवल हमारे पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए होता है, बल्कि उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का भी एक विशेष अवसर होता है. इसी दौरान, अगर किसी परिवार में बच्चे का जन्म होता है, तो इसे केवल एक सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक शुभ संकेत माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इसे बेहद खास और भाग्यशाली माना गया है.
पूर्वजों का आशीर्वाद और सौभाग्य का प्रतीक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों पर उनके पूर्वजों की विशेष कृपा बनी रहती है. इन बच्चों को परिवार के लिए सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इन बच्चों के आने से घर में सुख, समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है, और घर का माहौल सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है. कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि ऐसे बच्चे अपने ही वंश के किसी पूर्वज का पुनर्जन्म होते हैं, जो किसी अधूरे कार्य या इच्छा को पूरा करने के लिए फिर से धरती पर आते हैं.
उज्ज्वल भविष्य और मेहनती स्वभाव
पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों का भविष्य सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक उज्ज्वल माना जाता है. ये बच्चे मेहनती, बुद्धिमान और कर्मठ स्वभाव के होते हैं. उनके जीवन में भले ही चुनौतियाँ आएं, लेकिन अपनी दृढ़ता और मेहनत के बल पर वे सफलता की ऊँचाइयों को छूते हैं.
इन बच्चों के व्यक्तित्व में एक विशेष आकर्षण होता है, जिसके कारण ये समाज में जल्दी अपनी पहचान बना लेते हैं. लोग उनसे बात करना पसंद करते हैं और वे हमेशा नेक कार्यों में आगे रहते हैं. इसके अलावा, पितृ पक्ष में जन्मे बच्चों में कम उम्र से ही जिम्मेदारी का भाव आ जाता है. वे दूसरों के दुख-दर्द को समझते हैं और सहानुभूति रखते हैं. इस प्रकार, पितृ पक्ष में जन्म लेना न केवल बच्चे के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए भी बेहद भाग्यशाली माना जाता है.

