Navratri 2025 Day 1 Maa Shailputri Bhog: नवरात्रि की शुरुआत मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा से होती है. उनकी आराधना से जीवन में स्थिरता, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. पर्वतराज हिमालय की पुत्री मानी जाने वाली मां शैलपुत्री को व्रत का पूर्ण फल पाने हेतु उनके प्रिय भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं पहले दिन उन्हें कौन-सा भोग चढ़ाना चाहिए.
पहला दिन (मां शैलपुत्री)
नवरात्रि का आरंभ मां शैलपुत्री की आराधना से होता है. मान्यता है कि इस दिन देवी को घी का भोग अर्पित करने से साधक को सुख, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
भोग की सामग्री
गाय के दूध से बनी खीर जिसमें चीनी, इलायची, साबूदाना या मखाना मिलाया गया हो, अर्पित करना शुभ है. इसके अलावा सफेद रसगुल्ला, मलाई बर्फी या मिश्री भी भोग के रूप में अर्पित किया जाता है.
पहला दिन: मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है. इस दिन मां की पूजा करने और उन्हें भोग लगाने से सुख, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
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भोग और पूजा सामग्री
मां शैलपुत्री को गाय के घी से बना भोग अति प्रिय है. आप उन्हें गाय के दूध की खीर का भोग लगा सकते हैं, जिसमें चीनी, इलायची, साबूदाना या मखाना मिला हो. इसके अलावा, सफेद मिठाइयाँ जैसे रसगुल्ला, मलाई बर्फी या मिश्री भी अर्पित कर सकते हैं. पूजा के दौरान मां को सफेद फूल और सफेद वस्त्र चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है.
मां शैलपुत्री का महत्व
मां शैलपुत्री साहस और शक्ति का प्रतीक हैं. उनकी आराधना से व्यक्ति को आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है. माँ की कृपा से जीवन में स्थिरता आती है और सभी दुखों का नाश होता है. यह दिन भक्तों के मन में नई ऊर्जा और दृढ़ता का संचार करता है.
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