Masik Shivratri 2025: हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित पर्वों में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने लिंग रूप में प्रकट होकर सृष्टि की आधारशिला रखी थी. भगवान विष्णु और ब्रह्मा ने सबसे पहले उनकी पूजा की थी, इसलिए इसे शिवजी का प्राकट्य दिवस भी कहा जाता है. इस अवसर पर भक्तगण शिवलिंग की पूजा करते हैं और रातभर जागरण कर शिव नाम का जाप करते हैं.
मासिक शिवरात्रि 2025 की तिथि और मुहूर्त
- तिथि प्रारंभ: 21 अगस्त 2025, दोपहर 12:44 बजे
- तिथि समाप्त: 22 अगस्त 2025, सुबह 11:55 बजे
- निशिता काल पूजा मुहूर्त: 21 अगस्त रात 12:02 से 12:46 बजे तक
मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की हर मनोकामना पूरी होती है. प्राचीन काल से ही यह परंपरा देवी-देवताओं और महापुरुषों द्वारा भी निभाई जाती रही है. कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी शिवरात्रि का व्रत रखा था. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत करती हैं. अविवाहित कन्याएं अच्छे वर और सुखद दांपत्य जीवन की कामना से उपवास करती हैं.
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पूजा-विधि और प्रमुख अनुष्ठान
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- सूर्य देव को अर्घ्य दें और घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
- मंदिर जाकर शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा और अगरबत्ती अर्पित करें.
- घी का दीपक जलाएं और शिव-पार्वती मंत्रों का जाप करें.
- निशिता काल में विशेष पूजा करें और रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करें.
आध्यात्मिक लाभ
मासिक शिवरात्रि का व्रत धार्मिक ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. इससे मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है.
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(ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ)
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