Kojagari Puja 2025: कोजगरा पूजा, जिसे कोजगरा लक्ष्मी पूजा या शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, आश्विन माह की पूर्णिमा की रात मनाई जाती है. यह माता लक्ष्मी, जो धन, कृपा और शुभता की देवी हैं, की उपासना के लिए सबसे पवित्र रातों में से एक मानी जाती है. आइए जानें इस साल कब है कोजागरी पूजा.
कोजागर पूजा और शुभ मुहूर्त
आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर 2025 को रात 12:23 बजे से शुरू होगी. यह व्रत 7 अक्टूबर 2025 को रात 9:16 बजे समाप्त होगा. इसलिए, कोजागर व्रत सोमवार, 6 अक्टूबर को रखा जाएगा.
कोजागर पूजा के विशेष समय
निशिता काल: रात 11:45 बजे से रात 12:34 बजे तक
चंद्रोदय का समय: शाम 5:26 बजे
कोजागर पूजा की तैयारी
पूजा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें. तांबे के लोटे में लाल फूल, जल और अक्षत डालकर सूर्य देव को जल अर्पित करें.
मां लक्ष्मी की स्थापना और पूजन
मां लक्ष्मी की पूजा के लिए एक छोटी चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और इस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. प्रतिमा के सामने मां लक्ष्मी को फल, लाल फूल, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, रोली और खीर का भोग अर्पित करें.
माता रानी को चढ़ावा
मां लक्ष्मी के अतिरिक्त माता रानी को भी पूजा में शामिल करें. उन्हें लौंग, इलायची, एक सुपारी और बताशा चढ़ाएं.
मंत्र, आरती और चंद्रोदय अर्घ्य
पूजा के बाद विधिवत मंत्रों का जाप करें और मां लक्ष्मी की आरती उतारें. शाम को चंद्रोदय के बाद जल अर्घ्य दें और चंद्र देव की पूजा करें.
कोजागरी का अर्थ क्या है
“कोजगरा” शब्द का अर्थ है “को जागरति?” यानी “कौन जागा है?”. मान्यता है कि जो भक्त पूरी रात आध्यात्मिक जागरूकता के साथ जागते हैं, उन्हें मां लक्ष्मी अपने आशीर्वाद से धन, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करती हैं.
ये भी पढ़ें: Diwali 2025: कब हैं धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली और भाई दूज, जानें सही डेट्स
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

