Karwa Chauth 2025 Sargi: हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चौथी तिथि को करवा चौथ का पावन पर्व मनाया जाता है. यह पर्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. सुबह सूर्योदय से पहले सर्गी खाने के बाद दिनभर बिना भोजन और जल ग्रहण किए उपवास करती हैं. शाम को चांद को जल अर्पित करने और पति के हाथ से पानी पीने के बाद ही व्रत खोला जाता है.
सर्गी: करवा चौथ का खास रिवाज
करवा चौथ का सबसे अनूठा और सुंदर रिवाज सर्गी माना जाता है. यह सिर्फ भोजन नहीं बल्कि सास और बहू के बीच प्यार, स्नेह और आशीर्वाद का प्रतीक है. परंपरा के अनुसार सास अपनी बहू के लिए सर्गी तैयार करती हैं. इसमें ऐसे व्यंजन रखे जाते हैं जो पूरे दिन ऊर्जा और ताजगी बनाए रखते हैं. आमतौर पर सर्गी में दूध व मीठी सेवइयां, साबूदाना खीर, मौसमी फल (सेब, संतरा, अनार, केला, नारियल, खीरा), हाइड्रेटिंग स्नैक्स, सूखे मेवे, पराठे, मिठाइयां, चाय व जूस शामिल होते हैं. इसके साथ ही शुभ सामग्री जैसे सिंदूर, बिंदी और चूड़ियां भी सर्गी का हिस्सा होती हैं.
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सर्गी खाने का सही समय (2025)
करवा चौथ के दिन व्रत शुरू करने से पहले सर्गी खाना बेहद महत्वपूर्ण होता है. वर्ष 2025 में सर्गी 10 अक्टूबर की सुबह 6:19 बजे तक खा लेनी चाहिए. इसके बाद महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत पर रहेंगी और शाम को ही चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ेंगी.
करवा चौथ पूजा का समय (2025)
करवा चौथ की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर 2025 को रात 10:54 बजे शुरू होकर 11 अक्टूबर 2025 को सुबह 4:53 बजे समाप्त होगी. इस साल करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 10 अक्टूबर 2025 को शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा. इसी दौरान महिलाएं करवा चौथ की कथा सुनती हैं, पूजा करती हैं और करवा को जल अर्पित करती हैं.
करवा चौथ व्रत का महत्व
करवा चौथ न केवल पति की लंबी उम्र के लिए बल्कि दांपत्य जीवन में खुशहाली और आपसी प्रेम के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है. महिलाएं पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा को जल अर्पित करती हैं और अपने पति के हाथ से पानी पीकर उपवास समाप्त करती हैं. यह त्यौहार पति-पत्नी के बीच विश्वास, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है और भारतीय संस्कृति में इसकी विशेष जगह है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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