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होलाष्टक और खरमास एक साथ, जानिए कौन-कौन से कार्य नहीं होंगे इन 35 दिनों में

Holashtak 2025: होली का पर्व सम्पूर्ण देश में उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इसके कुछ दिन पूर्व होलाष्टक की अवधि होती है. इस समय में शास्त्रों के अनुसार कोई भी शुभ कार्य करना निषिद्ध माना जाता है. होलाष्टक आज 7 मार्च से प्रारंभ हो रहा है, जबकि खरमास 14 मार्च से शुरू होगा, जो 14 अप्रैल तक जारी रहेगा. इस अवधि में शुभ कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा.

Holashtak 2025: इस वर्ष होलाष्टक और खरमास का एक विशेष संयोग बन रहा है, जिसके कारण लगभग सवा महीने तक किसी भी प्रकार के मांगलिक या शुभ कार्यों का आयोजन नहीं किया जाएगा. हालांकि, इस अवधि में आने वाले पर्व और त्योहार अपनी पारंपरिक विधि से मनाए जाएंगे और इस विशेष संयोग का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

होलाष्टक आज से शुरू

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष होलाष्टक आज 07 मार्च से प्रारंभ हो रहा है. इसका समापन होलिका दहन के दिन से एक दिन पहले, अर्थात् 13 मार्च 2025 को होगा. इसके पश्चात, 14 मार्च को पूरे देश में होली का उत्सव मनाया जाएगा.

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14 मार्च से खरमास की शुरुआत होगी

होलिका दहन के साथ होलाष्टक का समापन होगा, लेकिन इसके अगले दिन, अर्थात् 14 मार्च से खरमास का आरंभ होगा. ज्योतिषियों के अनुसार, जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तब खरमास की अवधि शुरू होती है. इस वर्ष, 14 मार्च को शाम 6:50 बजे सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा, जिससे खरमास की शुरुआत होगी. यह अवधि 14 अप्रैल की रात 10:36 बजे तक जारी रहेगी.

खरमास में शुभ कार्यों का निषेध क्यों?

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, खरमास के दौरान शुभ या मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है. इस समय विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं. हालांकि, वर्तमान में कुछ लोग इस परंपरा का पालन नहीं करते और शुभ कार्य करने लगे हैं. कुछ पंडित इसे सकारात्मक परिवर्तन के रूप में भी देखते हैं.

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