Hanuman Jayanti 2025: हर साल की तरह इस बार भी हनुमान जयंती 2025 के मौके पर भक्त बड़े ही श्रद्धा और आस्था से बजरंगबली की पूजा में जुटेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी का पंचमुखी रूप इतना खास क्यों माना जाता है? आइए जानते हैं इस रहस्यमयी और शक्तिशाली रूप की कथा और उसका महत्व, पूजा विधि.
हनुमान जी ने संकट के समय लिया पंचमुखी अवतार
हनुमान जी को संकटमोचन यूं ही नहीं कहा जाता. एक बार खुद भगवान श्रीराम भी बुरे समय में फंस गए थे. लंका युद्ध के दौरान अहिरावण नामक रावण के भाई ने अपने तंत्र-मंत्र के जरिए श्रीराम और लक्ष्मण को बेहोश कर पाताल लोक में कैद कर लिया था. अहिरावण को वरदान था कि उसकी मृत्यु तभी होगी जब पांच दिशाओं में जल रही पांच दीपकों को एकसाथ बुझाया जाएगा. हनुमान जी ने तब पंचमुखी रूप धारण किया—यानि एक साथ पांच चेहरों वाला रूप—और एक झटके में सभी दीप बुझाकर अहिरावण का अंत किया और राम-लक्ष्मण को मुक्त कराया.
पंचमुखी हनुमान के पांच मुख, पांच शक्तियां
- वानर मुख (पूर्व दिशा) – शत्रुओं पर विजय दिलाता है
- गरुड़ मुख (पश्चिम दिशा) – जीवन की बाधाएं और रोग दूर करता है.
- वराह मुख (उत्तर दिशा) – लंबी उम्र, यश और ताकत देता है.
- नरसिंह मुख (दक्षिण दिशा) – भय और तनाव को खत्म करता है.
- अश्व मुख (ऊपर की दिशा) – मनोकामनाएं पूरी करता है.
कैसे करें पंचमुखी हनुमान की पूजा?
- स्थान: पंचमुखी हनुमान की मूर्ति या तस्वीर को दक्षिण दिशा की ओर रखें.
- दिन: मंगलवार सबसे शुभ माना जाता है.
- भोग: गुड़ और भुना चना चढ़ाएं.
- सामग्री: लाल फूल, सिंदूर और चमेली का तेल विशेष माने जाते हैं.
- पाठ: हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें.
पंचमुखी रूप का आध्यात्मिक अर्थ
पंचमुखी हनुमान सिर्फ शक्ति का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि वो एक पूर्ण योगी भी माने जाते हैं जिन्होंने अपनी पांचों इंद्रियों पर विजय प्राप्त की है. यह रूप दर्शाता है कि अगर इंसान अपने मन और इंद्रियों को नियंत्रण में रखे, तो किसी भी संकट से उबर सकता है.
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घर में रखें पंचमुखी हनुमान की तस्वीर
अगर आपके घर में वास्तु दोष है या निगेटिव एनर्जी महसूस होती है, तो दक्षिण-पश्चिम कोने में पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगाने से बड़ा लाभ होता है.यह घर में सुरक्षा और सकारात्मकता का वातावरण बनाता है.
हनुमान जयंती पर एक संकल्प
हनुमान जयंती सिर्फ पूजा का दिन नहीं, बल्कि आत्मबल और सेवा भावना को याद करने का दिन है.पंचमुखी हनुमान का अर्थ है – पांच दिशाओं से सुरक्षा, पांच इंद्रियों पर नियंत्रण और परम भक्ति से संकटों पर विजय.तो इस बार जब आप हनुमान जी की पूजा करें, तो सिर्फ संकटों से मुक्ति ही नहीं, आत्मबल की प्राप्ति का भी संकल्प लें.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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