Gopashtami 2025: गोपाष्टमी न सिर्फ धार्मिक उत्सव है बल्कि पशु प्रेम और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है. इस दिन श्रद्धा के साथ गौ माता की सेवा करें और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का स्वागत करें. माना जाता है कि गौ माता का आशीर्वाद जीवन में हर तरह की समृद्धि लेकर आता है.
गोपाष्टमी कब है
इस साल गोपाष्टमी का पर्व 30 अक्टूबर 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर यह पर्व आता है.
गोपाष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त
सुबह 06:35 बजे से 07:57 बजे तक
इस शुभ समय में पूजा करने से भक्तों को सौभाग्य, आनंद और कृष्ण कृपा की प्राप्ति होती है.
क्यों मनाई जाती है गोपाष्टमी
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान कृष्ण ने पहली बार गौ पालन और गौ चराने का दायित्व संभाला था. इसलिए यह दिन भगवान कृष्ण और गौ माता दोनों के प्रति भक्ति व्यक्त करने का अवसर माना जाता है.
इस पर्व का महत्व
गाय को हिंदू धर्म में माता का स्थान दिया गया है, कहा जाता है कि जहां गौ माता निवास करती हैं वहां पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. गोपाष्टमी के दिन गाय और बछड़ों की पूजा कर उनका सम्मान किया जाता है. यह परंपरा हमें पशु संरक्षण और दया भाव का संदेश भी देती है.
पूजा एवं सेवा विधि
- सुबह स्नान करने के बाद गौ माता को स्नान करवाया जाता है, उनके माथे पर रोली और चंदन लगाया जाता है, पुष्प अर्पित किए जाते हैं.
- गाय को हरी घास, गुड़, चारा और अपने सामर्थ्य अनुसार भोजन कराना शुभ माना जाता है.
- उनके खुरों पर हल्दी और तेल लगाकर उनकी आरती की जाती है.
- अगर घर पर गाय न हो, तो गौशाला में जाकर सेवा करना भी उतना ही फलदायी माना जाता है.
गौ सेवा के लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गोपाष्टमी पर की गई गौ सेवा से पापों का क्षय होता है. परिवार में शांति, स्वास्थ्य और आर्थिक सुख समृद्धि आती है. यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है जिनके जीवन में बाधाएँ या मानसिक तनाव अधिक है. सच्चे भाव से गौ माता की सेवा करने पर जीवन में नए अवसर मिलने लगते हैं.
इन चीजों का रखें ध्यान
- सेवा करते समय गाय को किसी तरह की तकलीफ न हो
- स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान दें
- पूजा के बाद गौशाला में दान कर सकते हैं
- बच्चों को भी सेवा में शामिल करें ताकि उनमें करुणा का भाव विकसित हो
क्या घर पर गाय न हो तो भी गौ सेवा कर सकते हैं?
हाँ, गौशाला जाकर या दान देकर आसानी से सेवा कर सकते हैं.
क्या सिर्फ खाना खिलाना भी गौ सेवा है?
हाँ, हरी घास, चारा या पानी देना भी सेवा का ही रूप है.
क्या गौ सेवा केवल गोपाष्टमी पर ही करनी चाहिए?
नहीं, किसी भी दिन गौ सेवा करने से पुण्य और शांति मिलती है.
बीमार गाय दिखे तो क्या करें?
पास की गौशाला या पशु चिकित्सक से संपर्क करके मदद कराएँ.
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है.

