Chhath Puja 2025 Mehndi Design: छठ पूजा का आरंभ कल 25 अक्तूबर 2025 से हो रहा है. बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में ये पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाने वाला एक पवित्र पर्व है. यह त्योहार सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का प्रतीक है. इस पूजा में सादगी और नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है. लेकिन साथ ही इस पर्व में महिलाओं के मन में कई सवाल भी उठते हैं. जैसे, क्या छठ पूजा में सज-धज करना चाहिए? क्या मेहंदी लगाई जा सकती है? हमने ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से जानना चाहा
छठ पूजा में मेहंदी लगाना चाहिए या नहीं?
छठ पूजा के दिन महिलाएं पारंपरिक रूप से साफ-सुथरे कपड़े पहनती हैं और सज-धज कर पूजा में शामिल होती हैं. मेहंदी इस सजावट का एक अहम हिस्सा बन चुकी है. यह न केवल हाथों को खूबसूरत बनाती है, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी इसका महत्व माना जाता है. मेहंदी लगाने से महिलाएं अपने आपको त्योहार के अनुसार तैयार करती हैं और यह पवित्र माहौल को और खास बना देती है.
मेहंदी लगाने का महत्व
सौंदर्य के लिए
मेहंदी हाथों और पैरों को सजाती है और महिलाओं को और अधिक खूबसूरत बनाती है. यह छठ पूजा की पारंपरिक सजावट में एक खास भूमिका निभाती है.
शुभ मान्यता
मेहंदी को हमेशा शुभ माना गया है. इसे लगाने से सौभाग्य, खुशी और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. यही वजह है कि लोग इसे पवित्र त्योहारों पर जरूर लगाते हैं.
पारंपरिक प्रथा
छठ पूजा में मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह परंपरा पूजा को और भी धार्मिक और पारंपरिक बनाती है.
धार्मिक महत्व
कुछ लोगों का मानना है कि मेहंदी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है. इस दृष्टि से यह पूजा का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाती है.
छठ पूजा के लिए मेहंदी के डिजाइन
छठ पूजा पर लगाई जाने वाली मेहंदी के डिजाइन विशेष होते हैं. इनमें आमतौर पर सूर्य देव और छठी मैया के प्रतीक शामिल होते हैं. इसके अलावा फूल-पत्तियों वाले डिजाइन भी बहुत लोकप्रिय हैं. मोर, बिंदी, चंदा और अन्य पारंपरिक डिजाइन भी छठ पूजा में खूब इस्तेमाल किए जाते हैं. यह डिजाइन न केवल हाथों को सजाते हैं, बल्कि त्योहार की पवित्रता और भक्ति को भी दर्शाते हैं.
- मेहंदी लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें और साफ-सुथरा रखें.
- प्राकृतिक मेहंदी का उपयोग करने की कोशिश करें. इससे रंग लंबे समय तक टिकता है और त्वचा को कोई हानि नहीं होती.
- अपने मनपसंद डिजाइन का चयन करें. आप पारंपरिक या आधुनिक, दोनों तरह के डिज़ाइन चुन सकती हैं.
- मेहंदी को सूखने और अच्छे रंग देने के लिए पर्याप्त समय दें. इसे छूने या धोने से बचें.
छठ पूजा में मेहंदी का अनुभव
छठ पूजा के दौरान मेहंदी लगाने से सिर्फ हाथ-पैर ही नहीं सजते, बल्कि मन में भी उत्साह और भक्ति का अनुभव होता है. महिलाएं यह काम अपने परिवार के साथ मिलकर करती हैं, जिससे परिवार में एकता और प्यार भी बढ़ता है. बच्चों और युवाओं के लिए भी यह एक सुंदर परंपरा और उत्सव का अनुभव बन जाता है.
छठ पूजा सादगी, भक्ति और परंपरा का त्योहार है. इसमें नियमों और पूजा के तरीकों का विशेष ध्यान रखा जाता है. हालांकि, मेहंदी लगाना इस त्योहार में एक खुशियों और सुंदरता का प्रतीक बन गया है. यह पूजा को और भी खास बनाता है. अगर आप भी छठ पूजा में मेहंदी लगाना चाहती हैं, तो प्राकृतिक मेहंदी का उपयोग करें, डिजाइन सोच-समझकर चुनें और इसे सूखने का पूरा समय दें.

