Bhog Rules: कितनी देर भगवान के सामने रखना चाहिए भोग? Bhog Rules: सनातन धर्म में भगवान को भोग लगाना पूजा का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. कहा जाता है कि बिना भोग के कोई भी पूजा पूरी नहीं होती. लेकिन कई लोग भोग लगाने के बाद प्रसाद को वहीं पड़ा रहने देते हैं, जो कि शास्त्रों के अनुसार सही नहीं है. भोग और प्रसाद दोनों के अपने नियम होते हैं, जिन्हें मानने पर ही पूजा का पूरा फल मिलता है.
भोग किस बर्तन में लगाना चाहिए?
- शास्त्रों के अनुसार भगवान को भोग सोने, चांदी, तांबे, लकड़ी या मिट्टी के पात्र में ही चढ़ाना चाहिए. ये बर्तन पवित्र माने जाते हैं.
- स्टील के बर्तन भोग के लिए शुभ नहीं माने जाते, इसलिए इनका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
- भगवान को जो भी भोग चढ़ाया जाता है, उसे कुछ देर बाद प्रसाद के रूप में सबको बांट देना चाहिए.
भोग कितनी देर तक रखना चाहिए?
- हिंदू धर्म में ताजे और शुद्ध भोग का महत्व है. इसलिए भोग हमेशा ताजा बनाया हुआ ही होना चाहिए.
- भोग के साथ एक छोटा सा जल का पात्र भी रखना चाहिए.
- ध्यान रहे कि भोग भगवान के सामने लंबे समय तक नहीं रखा जाना चाहिए. शास्त्र कहते हैं कि भोग लगाने के लगभग 5 मिनट बाद इसे पूजाघर से उठाकर लोगों में बांट देना चाहिए.
- प्रसाद जितने अधिक लोगों में बांटा जाएगा, उतना ही शुभ फल और पुण्य प्राप्त होता है.
ज्यादा देर तक भोग छोड़ना क्यों गलत?
ज्योतिष और शास्त्रों में बताया गया है कि देवताओं के सामने घंटों तक रखा भोग नकारात्मक ऊर्जा के संपर्क में आ सकता है. ऐसा माना जाता है कि लंबे समय तक प्रसाद को छोड़ देने से वह अशुद्ध हो जाता है और कुछ ऊर्जाएँ—जैसे विश्वकसेन, चंडेश्वर और चांडाली—उस पर प्रभाव डाल सकती हैं. इसलिए भगवान के सामने ज्यादा देर तक भोग छोड़ने से बचना चाहिए. भोग पूजा का सबसे पवित्र हिस्सा है. इसे सही तरीके से चढ़ाना, कम समय में उठाना और सबमें बांटना ही शास्त्रों के अनुसार पूजा का आदर्श तरीका है. ऐसा करने से भगवान की कृपा और प्रसाद का शुभ फल दोनों प्राप्त होते हैं.
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