Bath Mantra: हिंदू धर्म में स्नान को केवल शारीरिक शुद्धि का साधन नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि का भी एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है. यह विश्वास किया जाता है कि स्नान करते समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से मन और शरीर दोनों की पवित्रता बढ़ती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. शास्त्रों में स्नान के लिए कई पवित्र मंत्रों का उल्लेख किया गया है, जिनका उच्चारण करने से अशुद्धियाँ दूर होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है.
स्नान के समय बोले जाने वाले प्रमुख मंत्र
सामान्य स्नान मंत्र:
यदि आप किसी विशेष नदी या तीर्थ स्थान पर स्नान नहीं कर रहे हैं, तो अपने घर में स्नान करते समय आप यह मंत्र बोल सकते हैं:
“गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति.
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेऽस्मिन सन्निधिं कुरु॥”
इस मंत्र का जाप करने से स्नान का पुण्य फल प्राप्त होता है, जैसे कि आपने पवित्र नदियों में स्नान किया हो.
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पापनाशक स्नान मंत्र:
अगर स्नान को आध्यात्मिक रूप से अधिक प्रभावशाली बनाना है, तो इस मंत्र का जाप करें:
“अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा.
यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥”
इस मंत्र से स्नान के दौरान मानसिक और आत्मिक शुद्धि होती है और नकारात्मकता दूर होती है.
सूर्य मंत्र (जल अर्पण के साथ)
अगर आप स्नान के दौरान सूर्य को अर्घ्य देते हैं, तो यह मंत्र बोलें:
“ॐ ह्रीं सूर्याय नमः.”
यह मंत्र ऊर्जा और स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होता है और दिन की सकारात्मक शुरुआत करता है.
स्नान मंत्र का जाप करने के लाभ
- मानसिक शांति: स्नान के दौरान मंत्रों का उच्चारण करने से तनाव में कमी आती है और मन को शांति प्राप्त होती है.
- आध्यात्मिक शुद्धि: ये मंत्र न केवल शरीर की, बल्कि आत्मा की भी शुद्धि करते हैं.
- पापों का नाश: हिंदू धर्म के अनुसार, स्नान के समय मंत्रों का जाप करने से पापों का नाश होता है.
- सकारात्मक ऊर्जा: स्नान मंत्रों के जाप से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे व्यक्ति दिनभर अच्छा अनुभव करता है.

