Astro Tips, planet responsible for toxic relationship: रिश्तों में उतार-चढ़ाव आना सामान्य बात है, लेकिन जब बिना किसी ठोस कारण के प्यार में कड़वाहट बढ़ने लगे, तो इसका कारण केवल व्यवहार या संचार की कमी नहीं, बल्कि ग्रहों की चाल भी हो सकती है. भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुछ ग्रह ऐसे हैं जिनका प्रभाव प्रेम संबंधों पर गहरा असर डालता है. यदि आपकी लव लाइफ में बार-बार समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, तो यह आवश्यक है कि आप इन ग्रहों की भूमिका को समझें.
शुक्र (Venus): प्रेम का ग्रह
शुक्र को प्रेम, रोमांस और आकर्षण का प्रतीक माना जाता है. जब कुंडली में शुक्र अशुभ स्थिति में होता है या राहु, केतु या शनि जैसे ग्रहों से प्रभावित होता है, तो व्यक्ति की प्रेम जीवन में असंतुलन उत्पन्न होता है. रिश्तों में भावनात्मक दूरी, आपसी समझ की कमी और आकर्षण का समाप्त होना – ये सभी अशुभ शुक्र के संकेत हो सकते हैं.
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मंगल (Mars): आक्रोश और वाद-विवाद का संकेत
मंगल ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है, लेकिन यदि यह ऊर्जा नकारात्मक रूप धारण कर ले, तो यह संबंधों में हिंसा, क्रोध और विवाद को बढ़ावा दे सकती है. “मांगलिक दोष” एक ऐसा ज्योतिषीय योग है जो विवाहित जीवन को प्रभावित कर सकता है. यदि कुंडली में मंगल गलत स्थान पर स्थित है, तो यह प्रेम संबंधों में अस्थिरता उत्पन्न कर सकता है.
राहु और केतु: भ्रम और धोखे के ग्रह
राहु और केतु छाया ग्रह माने जाते हैं, जो भ्रम, धोखा और मानसिक तनाव से संबंधित होते हैं. यदि ये ग्रह प्रेम भाव (पंचम भाव) या विवाह भाव (सप्तम भाव) में उपस्थित हों, तो व्यक्ति धोखाधड़ी या एकतरफा प्रेम का शिकार हो सकता है. ऐसे जातकों की प्रेम जीवन में अक्सर स्पष्टता की कमी और असुरक्षा बनी रहती है.
शनि (Saturn): दूरी और देरी का कारक
शनि को कर्म का ग्रह माना जाता है. यह परीक्षण और सीख का प्रतीक है. जब शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, तो यह प्रेम संबंधों में दूरी, देरी और निराशा उत्पन्न कर सकती है. कई बार यह रिश्ते के टूटने की स्थिति भी पैदा कर सकती है, लेकिन साथ ही शनि सच्चे प्रेम की परीक्षा भी लेता है.
समाधान क्या है?
यदि आपको ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आपकी प्रेम जीवन किसी ग्रह के प्रभाव में है, तो एक योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण कराना एक समझदारी भरा कदम होगा. कुछ उपाय जैसे रत्न धारण करना, मंत्र का जाप करना, व्रत रखना आदि ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं.