Ashwin month: आश्विन माह का सनातन धर्म में बहुत महत्व है. इस महीने के कृष्ण पक्ष में पितरों को याद करके तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है. पितृपक्ष का आखिरी दिन सर्वपितृ अमावस्या होता है, जिससे आश्विन अमावस्या के दिन पितृपक्ष समाप्त हो जाता है. इस वर्ष आश्विन महीना 8 सितंबर से शुरू हो रहा है और 21 सितंबर को समाप्त होगा. इस महीने में कुछ बातों का ध्यान रखना और कुछ चीजों से परहेज करना आवश्यक है.
आश्विन मास के दौरान क्या करना चाहिए
- आश्विन माह के दौरान किसी भी अन्य व्यक्ति के प्रति मन में बैर की भावना नहीं रखनी चाहिए और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए.
- पूरे आश्विन मास के दौरान ध्यान रखना चाहिए कि आप कम से कम गुस्सा करें और मन को शांत रखें.
- इस दौरान दान करना शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति दान करता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. तिल और घी का दान करना चाहिए.
- आश्विन माह के दौरान घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
- इस महीने में मां दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही शुभ होता है. इससे घर में खुशहाली आती है और दुर्गा की कृपा घर पर बनी रहती है.
आश्विन मास के दौरान किन चीजों से परहेज करना चाहिए
- आश्विन महीने में शारदीय नवरात्रि का त्योहार भी पड़ता है, इसलिए इस समय मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इस दौरान दूध का सेवन करने और करेला खाने से परहेज करना चाहिए.
- लहसुन, प्याज, और सफेद तिल का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इसके अलावा, लौकी, मूली और सरसों का साग नहीं खाना चाहिए. काला नमक, सत्तू, जीरा और मसूर की दाल खाने से बचना चाहिए.
- पूरे आश्विन माह में किसी भी तरह के विवाद, झगड़ा, मनमुटाव या तनाव से बचना चाहिए. इन बातों का पालन करने से आश्विन माह का महत्व और पुण्य प्राप्त होता है.
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