Ardra Nakshatra 2025:कल यानी 22 जून 2025 रविवार को दोपहर 1:45 बजे सूर्य देव आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जो वैदिक ज्योतिष के अनुसार मानसून की शुरुआत का संकेतक माना जाता है. सामवेदाचार्य ब्रजमोहन पांडेय के अनुसार, आर्द्रा से पुनर्वसु तक के 10 नक्षत्र वर्षा कारक होते हैं, इसलिए सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश विशेष फलदायक माना गया है.
वर्षा के प्रबल संकेत
- इस वर्ष सूर्य ही राजा और मंत्री, दोनों हैं, और वे वर्षा के कारक माने जाते हैं.
- सूर्य के साथ बुध और गुरु की युति भी अच्छी बारिश के संकेत देती है.
- स्त्री-पुरुष योग का निर्माण सर्वत्र संतुलित वर्षा सुनिश्चित करता है.
- खेती-किसानी के लिए अनुकूल समय
- इस बार आर्द्रा नक्षत्र में पर्याप्त वर्षा के योग हैं.
- कृषि और किसानी के लिए यह नक्षत्र लाभकारी सिद्ध होगा.
- किसानों के लिए बीज बोने और रोपण का समय शुभ.
सूर्य का आर्द्रा में प्रवेश और ज्योतिषीय महत्व
- 22 जून सुबह 6:28 बजे सूर्य मृगशिरा से निकलकर आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे.
- सूर्य मिथुन राशि में स्थित रहेंगे.
- आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु, और अधिदेवता रुद्र (भगवान शिव) हैं, जिससे यह गोचर तीव्र प्रभावशाली माना जाता है.
- इन राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है समय
- राहु का प्रभाव कुछ राशियों में धन हानि, नौकरी या व्यापार में बाधा ला सकता है.
- प्राकृतिक आपदा, पारिवारिक तनाव और कानूनी विवाद के संकेत भी बन रहे हैं.
- आर्द्रा नक्षत्र: विनाश और नवाचार का प्रतीक
- यह नक्षत्र क्रोध, परिवर्तन और नवाचार का सूचक है.
- शास्त्रों में वर्णन है: “आर्द्रा नक्षत्रस्य प्रभावे, विप्लवो जायते लोकस्य” — अर्थात् इस नक्षत्र में लोक में उथल-पुथल होती है.
क्या करें आर्द्रा नक्षत्र में
- भगवान सूर्य की पूजा व अर्घ्य देना
- दान-पुण्य, गौ-सेवा, सत्संग करना
- धार्मिक कार्यों में भागीदारी
- क्या न करें आर्द्रा नक्षत्र में
क्या न करें आर्द्रा नक्षत्र में
- शादी या शुभ मांगलिक कार्य
- नया व्यापार, दुकान, फैक्ट्री शुरू करना
- निवेश, साझेदारी या कानूनी निर्णय
- जीवनसाथी या नौकरी से संबंधित निर्णय
विशेष तिथियां
- 22 जून से 6 जुलाई 2025 तक सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में रहेंगे.
- 21 जून को वर्ष का सबसे लंबा दिन, सूर्य मकर रेखा पर लंबवत रहेंगे.