Akshaya Tritiya 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य व चंद्रमा दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रह हैं. चंद्रमा जहां मन का स्वामी व समस्त परिणामों को प्रत्यक्ष रूप से शीघ्रता से प्रभावित करते हैं, वहीं सूर्य नक्षत्र मंडल के स्वामी व केंद्र हैं. दोनों प्रत्यक्ष देवों की श्रेणी में आते हैं. अक्षय तृतीया के दिन दोनों ही ग्रह अपनी उच्च राशि में होते हैं. यही कारण है कि इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त होता है. इस वर्ष अक्षय तृतीया एक दुर्लभ और अत्यंत शुभ संयोग लेकर आ रही है, जिसमें छह महत्वपूर्ण योग मिलकर ‘महायोग’ का निर्माण कर रहे हैं. यह संयोजन इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देता है, जिससे यह किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने के लिए विशेष रूप से अनुकूल हो जाता है.
आइए, इन छह शुभ योगों पर एक नजर डालते हैं :
सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जानें शुभ मुहूर्त
- सर्वार्थसिद्धि योग : अक्षय तृतीया पर इस योग का बनना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह किसी भी नए कार्य को शुरू करने और उसमें सफलता प्राप्त करने के लिए उत्तम समय प्रदान करता है.
- शोभन योग : यह योग भी शुभ कार्यों के लिए बहुत ही अनुकूल है. विशेष रूप से संपत्ति और धन से जुड़े हुए कार्यों को करने के लिए यह योग लाभकारी माना जाता है.
- गजकेसरी योग : चंद्रमा और गुरु के एक विशेष स्थिति में आने से इस योग का निर्माण होता है. ज्योतिष में यह योग धन, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि का सूचक माना गया है.
- राजयोग : सूर्य, चंद्रमा और गुरु के मध्य बनने वाला यह विशेष संयोग राजयोग कहलाता है. यह योग धन, वैभव और जीवन में सफलता की प्राप्ति का संकेत देता है.
- मालव्य राजयोग : जब शुक्र अपनी उच्च राशि में प्रवेश करते हैं, तो मालव्य राजयोग बनता है. यह योग भौतिक सुख-सुविधाओं, धन और समृद्धि में वृद्धि लाने वाला माना जाता है.
- रवि योग : सूर्य की शुभ स्थिति के कारण बनने वाला रवि योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है.
- इन छह शुभ योगों का एक साथ आना इस वर्ष की अक्षय तृतीया को और भी अधिक महत्वपूर्ण और फलदायी बना रहा है. यह दिन किसी भी नये उद्यम की शुरुआत करने, महत्वपूर्ण निर्णय लेने या शुभ कार्यों को संपन्न करने के लिए एक स्वर्णिम अवसर प्रदान करता है.
आचार्य संतोष
ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ