नयी दिल्ली : माघ मास की मौनी अमावस्या का दिन खास होता है. इस पावन दिन लोग पितरों को याद करते हैं और उनके नाम पर स्नान, दान करते हैं. यूं तो पूरे माघ महीने को ही बेहद खास बताया जाता है लेकिन इस वर्ष 16 जनवरी मंगलवार को मौनी अमावस्या है जो इसे और खास बना रहा है. आइए यहां हम आपको बताते हैं कि इस दिन को लेकर क्या मान्यता है और क्या करने से बचना चाहिए…
1. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसी भी इंसान को श्मशान घाट या कब्रिस्तान में या उसके आस-पास नहीं घूमना चाहिए. इस समय बुरी आत्माएं सक्रिय रहतीं हैं और इंसान इस वक्त नकारात्मक शक्तियों से लड़ने में सक्षम नहीं होता. नकारात्मक शक्तियां मानसिक रूप से कमजोर किसी भी व्यक्ति को प्रभावित करतीं हैं.
2. मौनी अमावस्या के दिन स्नान का खास महत्व होता , इसलिए यदि आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पाएं है तो घर पर जरूर स्नान करें. स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने की भी मान्यता है. मान्यता यह भी है कि स्नान से पहले तक कुछ बोलना नहीं चाहिए और मौन रहना चाहिए.
3. मान्यता के अनुसार इस दिन चटाई पर सोना चाहिए और शरीर में तेल लगाने से बचना चाहिए.
4. यदि मौनी अमावस्या के दिन आपने व्रत धारण किया है तो फिर किसी प्रकार का श्रृंगार ना करें.
5. घर में पितरों की कृपा पाने के लिए इस दिन घर में कलह का माहौल बिल्कुल नहीं होना चाहिए. लड़ाई-झगड़े और वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए. इस दिन कड़वे वचन को मुख में नहीं लाना चाहिए.
6. मान्यता है कि अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करने की परंपरा रही है अत: वृक्ष की पूजा करें लेकिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श ना करें.
7. इस दिन सुबह देर तक सोने से बचना चाहिए. इस दिन जल्दी उठकर स्नान करने की मान्यता है और स्नान-पूजापाठ के बाद ही कुछ सेवन करना चाहिए.
8. इस दिन शराब, मांस के सेवन इत्यादि से खुद को दूर रखना चाहिए.