Mithun Sankranti 2025: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा और आत्मा का कारक माना गया है. सूर्य अग्नि तत्व से जुड़ा हुआ ग्रह है और प्रत्येक राशि में लगभग 30 दिन तक रहते हैं. सूर्य के किसी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहा जाता है. यह गोचर व्यक्ति के जीवन में सोच, आत्मबल, समाज में प्रतिष्ठा और नेतृत्व क्षमता को प्रभावित करता है. अगर सूर्य अनुकूल हो तो व्यक्ति साहसी, मुखर और नेतृत्व में सक्षम बनता है, लेकिन प्रतिकूल हो तो स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है और कार्यों में बाधा आती है.
सूर्य का मिथुन में प्रवेश और त्रिग्रही योग
15 जून 2025 को दोपहर 12:05 बजे सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. मिथुन राशि पहले से ही बुद्धि के कारक बुध और ज्ञान के प्रतीक गुरु से युक्त है. ऐसे में सूर्य, बुध और गुरु का मिलन त्रिग्रही योग का निर्माण करेगा, जिसे बहुत शक्तिशाली और फलदायी माना जाता है. इस योग के प्रभाव से कुछ राशियों के लिए सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे, वहीं कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं.
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सभी राशियों पर सूर्य गोचर का प्रभाव
मेष
तीसरे भाव में सूर्य का गोचर. भाई-बहनों से मतभेद हो सकते हैं. धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और प्रेम संबंध मज़बूत होंगे.
वृषभ
दूसरे भाव में गोचर से पारिवारिक विवाद संभव. संपत्ति विवाद में लाभ मिलेगा. निवेश लाभकारी होगा.
मिथुन
पहले भाव में गोचर से क्रोध बढ़ेगा. पारिवारिक विवाद हो सकते हैं. आय में सुधार रहेगा, लेकिन स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी.
कर्क
द्वादश भाव में गोचर से खर्चों में बढ़ोतरी होगी. विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं. कोर्ट केस में सफलता संभव.
सिंह
एकादश भाव में सूर्य का गोचर. आय और मान-सम्मान में वृद्धि. रुके हुए कार्य पूरे होंगे. प्रेम संबंध प्रगाढ़ होंगे.
कन्या
दशम भाव में गोचर से कार्यक्षेत्र में सफलता. नौकरी में तरक्की संभव. माता-पिता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी.
तुला
नवम भाव में सूर्य का गोचर. भाग्य में वृद्धि, धार्मिक यात्रा संभव. पारिवारिक माहौल अच्छा रहेगा.
वृश्चिक
अष्टम भाव में गोचर से नई शुरुआत से बचें. खर्च बढ़ेगा और स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है.
धनु
सप्तम भाव में सूर्य का गोचर. व्यापार में वृद्धि होगी, लेकिन वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव रहेगा.
मकर
छठे भाव में सूर्य का गोचर. विरोधियों पर विजय और नौकरी में सफलता के योग. कोर्ट केस में राहत मिलेगी.
कुंभ
पंचम भाव में सूर्य का गोचर. प्रेम और शिक्षा में समस्याएं आ सकती हैं. संतान से जुड़ी चिंता संभव.
मीन
चौथे भाव में गोचर से पारिवारिक सुख में कमी आएगी. संपत्ति से लाभ संभव लेकिन माता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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