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देवघर व जामताड़ा में 1188 महिलाओं की जांच, 29 को प्री-सर्वाइकल कैंसर, 60 फीसदी के जननांग में सूजन

झारखंड में सर्वाइकल कैंसर और मां बनने की क्षमता रखने वाली महिलाओं के गुप्तांग में सूजन और इन्फेक्शन की समस्या पायी गयी है. इसे खत्म करने के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगातार अभियान चल रहा है. ऐसी महिलाओं की पहचान कर उनका इलाज भी किया जा रहा है. पढ़ें डिटेल रिपोर्ट.

झारखंड के संताल परगना की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर और जननांग में सूजन की समस्या तेजी से बढ़ रही है. पिछले दिनों देवघर और जामताड़ा में मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर में महिलाओं की जांच के बाद इसका खुलासा हुआ है. देवघर में 615 महिलाओं की जांच की गयी. इनमें 80 फीसदी के जननांग में सूजन की समस्या थी. वहीं, जामताड़ा में जांच के लिए पहुंचीं 573 महिलाओं में यह समस्या पायी गयी. इतना ही नहीं, देवघर में 18 और जामताड़ा में 11 महिलाओं में सर्वाइकल प्री-कैंसर का पता चला. प्री-सर्वाइकल कैंसर के लक्षण वाली महिलाओं को तत्काल कोल्पोस्कोप गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट देकर उन्हें कैंसर से मुक्त कर दिया गया. जिन महिलाओं में सर्विक्स यानी गर्भाशय ग्रीवा में सूजन थी, उन सभी को किट-6 खुराक मुफ्त में दी गयी. देवघर में 26 महिलाएं VIA Positive मिलीं.

सरकारी डॉक्टरों को किया गया प्रशिक्षित

डॉ भारती कश्यप ने बताया कि जामताड़ा कैंप में सर्वाइकल प्री-कैंसर से ग्रसित 11 मरीजों और देवघर कैंप में 18 मरीजों को कैंसर का शिकार होने से बचाया गया. उन्होंने बताया कि जामताड़ा में 573 और देवघर में 615 हाई रिस्क कैटेगरी की महिलाओं की जांच की गयी. इस तरह कुल 1,188 हाई रिस्क कैटेगरी की महिलाओं की शिविर में जांच हुई. शिविर में नयी दिल्ली की जानी-मानी स्त्री रोग संबंधी कैंसर की विशेषज्ञ डॉ मेघा मित्तल की टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों से आयी महिलाओं की जांच की और उनका इलाज भी किया. डॉ मित्तल ने जामताड़ा की सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल प्री-कैंसर की अत्याधुनिक मशीनों से जांच एवं क्रायो उपचार का प्रशिक्षण भी दिया.

जांच के लिए 2.70 लाख महिलाओं की हुई पहचान

डॉ कश्यप ने बताया कि झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां वीमेन डॉक्टर्स विंग एवं स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर प्रजनन क्षमता वाली चिह्नित 6 फीसदी महिलाओं की जांच एवं उनमें समस्या मिलने पर तत्काल उनका उपचार करने का लक्ष्य रखा है. हमने 50 फीसदी का लक्ष्य हासिल कर लिया है. जल्द ही हम चिह्नित 6 फीसदी सभी महिलाओं तक पहुंचेंगे, ऐसा हमारा विश्वास है. उन्होंने बताया कि हमारा झारखंड पहला प्रदेश बन गया है, जहां महिलाओं के गुप्तांग में सूजन की पहचान और सर्वाइकल प्री-कैंसर के इलाज की मशीनें लग गयीं हैं. जामताड़ा और देवघर सदर अस्पताल में भी ये मशीनें लग गयीं हैं. यहां की महिला डॉक्टरों को जांच एवं इलाज की ट्रेनिंग भी दे दी गयी है. इससे हमारे अभियान में और तेजी आयेगी, ऐसा हमारा विश्वास है.

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शहरी महिलाओं में सबसे ज्यादा होता है स्तन कैंसर

उन्होंने बताया कि शहरी महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है. ग्रामीण महिलाओं में पाया जाने वाला यह दूसरा कैंसर है. आजकल कम उम्र में ही स्तन कैंसर के मामले सामने आने लगे हैं. कहा कि देश में हर साल 67 हजार महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती है. भारत में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर से सर्वाइकल कैंसर दूसरे नंबर पर है. हालांकि, इसकी रोकथाम और इसका उपचार संभव है. इसलिए झारखंड में स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन के लिए वीमेन डॉक्टर्स विंग ने झारखंड सरकार के साथ मिलकर एक स्पेशल रोड मैप तैयार किया है. इसे हम स्पेशल प्लान झारखंड मॉडल कहते हैं.

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9 साल से स्तन व सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ अभियान चला रहीं डॉ भारती कश्यप

डॉक्टर भारती कश्यप ने बताया कि पिछले 9 सालों से वह स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता अभियान चला रहीं हैं. सुदूरवर्ती इलाकों में जाकर शिविर लगाती हैं और पीड़ितों की जांच करने के बाद उनका इलाज भी करती रहीं हैं. अब झारखंड सरकार की भी उन्हें मदद मिलने लगी है. इससे झारखंड से सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन में तेजी आयेगी. भारती कश्यप ने बताया कि वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए और झारखंड स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जामताड़ा के फतेहपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और देवघर के सदर अस्पताल में ‘मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर’ का आयोजन किया हुआ. इसके आंकड़े चिंताजनक हैं.

महिलाओं को दी गयी मुफ्त दवा

डॉ कश्यप ने यह भी बताया कि शिविर में आने वाली सभी महिलाओं को एक माह की आयरन फोलिक एसिड एवं कैल्शियम की गोलियां मुफ्त में बांटी गयी. शिविर में कई ऐसी अविवाहित युवतियां भी आयीं थीं, जिन्होंने प्राइवेट पार्ट से व्हाइट डिस्चार्ज और खुजली की शिकायत. सभी को किट-2 की खुराक मुफ्त में उपलब्ध करायी गयी.

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2021 में WHO की नीति में झारखंड ने किया संशोधन

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने डॉ भारती कश्यप के साथ मिलकर एक योजना पर काम शुरू किया. वर्ष 2021 में महिला डॉक्टरों की टीम ने देश के शीर्ष कैंसर स्त्री रोग विशषज्ञों के साथ लंबा विचार-विमर्श किया. इसके बाद निष्कर्ष निकाला कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन नीति 90-70-90 के तीसरे भाग को लेकर हम चलें और इसे संशोधित कर झारखंड में लागू करें, तो हम कम रिसोर्स के बावजूद सर्वाइकल कैंसर से अपने राज्य को मुक्त कर सकते हैं. इसके बाद एक स्पेशल झारखंड मॉडल तैयार किया गया और उसी के अनुरूप काम करने का फैसला हुआ.

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प्रजनन क्षमता वाली 2.70 लाख महिलाओं की हुई पहचान

वर्ष 2021 में ही तत्कालीन अभियान निदेशक ने इस फैसले से प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को अवगत कराया गया. कैंसर रोग विशेषज्ञों ने कहा कि अगर हम प्रजनन क्षमता वाली 6 फीसदी ऐसी महिलाओं की स्क्रीनिंग करें, जो हाई-रिस्क कैटेगरी की हैं या जिनको जननांग संबंधी सूजन के संभावित लक्षण हैं. अगर हम इनका इलाज कर देते हैं, तो हम Pelvic Inflammatory Disease से ग्रसित 100 फसदी महिलाओं की स्क्रीनिंग करने में सफल हो जायेंगे. प्रजनन क्षमता वाली ऐसी 2,70,000 (दो लाख सत्तर हजार) महिलाओं की पहचान की गयी. इसके अलावा सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत बच्चा होने के 12 सप्ताह बाद आने वाली महिलाओं एवं उनके साथ आने वाली महिलाओं की स्क्रीनिंग को भी अनिवार्य कर दिया गया, जो हाई रिस्क कैटेगरी की थीं या जिनमें कोई संभावित लक्षण है.

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पहल के आये सकारात्मक परिणाम

डॉ कश्यप ने बताया कि इस पहल के बहुत ही सकारात्मक परिणाम सामने आये. आईएमए की वीमेन डॉक्टर्स विंग और स्वास्थ्य विभाग ने सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए वित्तीय वर्ष 2021-2022 में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक के लिए 2,70,678 (दो लाख सत्तर हजार छह सौ अठहत्तर) का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसमें से कुल 1,26,976 (एक लाख छब्बीस हजार नौ सौ छिहत्तर) लक्ष्य की प्राप्ति हो गयी है. डॉ मेघा मित्तल ने भी झारखंड में लागू की गयी डब्ल्यूएचओ की इस संशोधित नीति की सराहना की. कहा कि दूसरे राज्यों की वीमेन डॉक्टर्स विंग को भी इस नीति का अनुसरण करना चाहिए.

डराने वाले हैं सर्वाइकल कैंसर के डब्लूएचओ के आंकड़े

  • 2020 में छह लाख से ज्यादा मामले मिले और 3.42 लाख मौतें हुईं.

  • 90 फीसदी मामले कम और मीडियम इनकम वाले देशों में.

  • भारत में होने वाले कैंसर में दूसरे नंबर पर है सर्वाइकल कैंसर.

  • 1.23 लाख सर्वाइकल कैंसर के मामले भारत में हर साल सामने आते हैं.

  • 67 हजार महिलाओं की मौत हर साल भारत में हो जाती है सर्वाइकल कैंसर से मौत.

  • दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के मामले में भारत 5वें नंबर पर.

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

  • महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव होना.

  • संभोग के दौरान रक्तस्राव होना.

  • दो माहवारियों के बीच में अचानक रक्तस्रा होना.

  • योनि से बदबूदार स्राव.

ऐसी महिलाएं हाई रिस्क कैटेगरी में

  • 18 वर्ष के कम आयु के पूर्व संभोग करने वाली किशोरियां-युवतियां

  • एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध बनाने वाली महिलाएं.

  • यौन रोगों का व्यक्तिगत इतिहास वाली महिलाएं

  • कई बार गर्भधारण करने वाली महिलाएं.

  • बिना डॉक्टर की सलह के गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक इस्तेमाल करने वाली महिलाएं.

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली.

  • धूम्रपान/तंबाकू का सेवन करने वाली महिलाएं

जरूर करें ये काम

  • यदि आप ऊपर दिये गये किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो शीघ्र डॉक्टर से सलाह लें.

  • सभी विवाहित अथवा यौन सक्रिय महिलाओं तथा प्रौढ़ महिलाओं को नियमित रूप से विजुअल इंस्पेक्शन विद एसेटिक एसिड (VIAA) या विजुअल इंस्पेक्शन विद लुगल आयोडीन (VILI) जांच करानी चाहिए.

  • जननांग की स्वच्छता बनाए रखें.

  • किशोरावस्था एवं प्रारंभिक युवा अवस्था में यौन संबंध बनाने से बचें.

  • एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध न बनायें.

  • यौन प्रसारित बीमारियों से स्वयं को बचाएं.

  • किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद का प्रयोग न करें.

  • 9 से 25 वर्ष के आयु में एचपीबी टीकाकरण करवाकर स्वयं को बचाए.

  • अधिक सुरक्षा के लिए किशोर अवस्था में यौन संबंध बनाने से पहले टीकाकरण पूर्व कराएं.

  • यौन संबंध बनाने से पहले टीकाकरण कराने के बावजूद आपको नियमित जांच करवाते रहना है.

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कैसे होता है ब्रेस्ट कैंसर

शहरी महिलाओं में यह कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है. ग्रामीण महिलाओं में सामान्य तौर पर पाया जाने वाला यह दूसरे प्रकार का कैंसर है. आजकल कम उम्र में ही स्तन कैंसर के मामले सामने आने लगे हैं. यह स्तन में असामान्य रूप से कोशिकाओं के परिवर्तन और वृद्धि की वजह से होता है. यही कोशिकाएं मिलकर ट्यूमर बन जातीं हैं.

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

  • स्तन से दूध जैसा सफेद पदार्थ या खून आना.

  • स्तन की त्वचा पर नारंगी रंग का स्पॉट दिखाई देना.

  • स्तन में कोई गांठ, अगले हिस्से का का धंसा हुआ होना.

  • स्तन के आकार में किसी प्रकार का बदलाव होना.

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