14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘ग्लोबल गाँव के देवता’ का वास्तविक किरदार रूमझुम असुर नहीं रहा, लेखक रणेन्द्र ने जतायी संवेदना

कथाकार रणेन्द्र का उपन्यास ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ वस्तुतः आदिवासियों-वनवासियों के जीवन का व्यथित सारांश है. इस उपन्यास में रणेन्द्र ने असुर समुदाय की गाथा पूरी प्रामाणिकता व संवेदनशीलता के साथ लिखी है. ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ में असुर समुदाय के अनवरत संघर्ष का चित्रण है. इस उपन्यास के अहम वास्तविक किरदार रूमझुम असुर का […]

कथाकार रणेन्द्र का उपन्यास ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ वस्तुतः आदिवासियों-वनवासियों के जीवन का व्यथित सारांश है. इस उपन्यास में रणेन्द्र ने असुर समुदाय की गाथा पूरी प्रामाणिकता व संवेदनशीलता के साथ लिखी है. ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ में असुर समुदाय के अनवरत संघर्ष का चित्रण है. इस उपन्यास के अहम वास्तविक किरदार रूमझुम असुर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. उनके निधन पर उपन्यास के लेखक रणेंद्र ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा है. रणेंद्र जी लिखते हैं- कल विकास जी ,आई आई टी कानपुर के शोधकर्ता से सूचना मिली कि झुनझुन असुर ( ग्लोबल गाँव के देवता के रुमझुम असुर ) लंबी बीमारी के बाद नहीं रहे.

पुरस्कृत हुई रस्किन बॉन्ड की आत्मकथा

संस्कृत में स्नातक प्रतिष्ठा झुनझुन जी को सम्मानजनक रोजगार नहीं मिल सका . जबकि उनके गांव और आसपास दर्जनों बॉक्साइट माइंस के कार्यालय हैं. केवल असुर आदिम जनजाति के होने के कारण उनकी योग्यता संदेहास्पद थी. यह 1995 -1996 की बात है जब वे हर तरह के आयोजन के योग्य थे. अवसाद में वे अल्कोहल की शरण में पलायन कर गये.
बहुत वर्षों से भेंट नहीं हुई थी . जबकि उनके ही साथी श्री योगेश्वर असुर जी अभी 1 माह पहले बेटे विमल असुर के साथ घर पर पधारे थे. ढेर देर बातें हुई ,घर परिवार , गाँव समाज की. किन्तु उन्हें भी झुनझुन जी की बीमारी की सम्भवतः खबर नहीं थी. या वहाँ भी अलग अलग गाँव के बीच दूरी बढ़ गयी है.

पढ़ें डॉ उषाकिरण खान का आलेख ‘ सामाजिकता से बचेगा छठ का उल्लास’

छोटे भाई अनिल असुर तो नियमित फोन पर बात करते हैं. उन्होंने भी नहीं बताया. नजर ओट पहाड़ ओट. दूर रहने से मन की दूरी बढ़ गयी हो. अफ़सोस सिर्फ यह है कि फोन पर कुछ माह पहले झुनझुन जी ने खबर दी थी कि वे रांची आ रहे हैं लेकिन उस दिन मै रांची में नहीं था.
हतप्रभ और दुखी हूं. समय झुनझुन जी जैसे सच्चे सुच्चे लोगों के लिए नहीं रह गया है. अलविदा दोस्त. तुम्हारे जज्बे , संघर्ष , दोस्ती और स्मृतियों को कोटिशः नमन.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें