27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन

ऐसा पहली बार हुआ है, जब रक्षा उत्पादन का मूल्य एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है.

आत्मनिर्भर अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों के साथ रक्षा क्षेत्र में भी उत्पादन बढ़ाने के प्रयास रंग लाने लगे हैं. ऐसा पहली बार हुआ है, जब रक्षा उत्पादन का मूल्य एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में विस्तार का मार्ग प्रशस्त हो रहा है. रक्षा क्षेत्र में निजी और विदेशी निवेश तथा सहभागिता के लिए बीते वर्षों में अनेक सुधार हुए हैं.

इनके परिणामस्वरूप पांच वर्ष की अवधि में उत्पादन 54,951 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 के वित्त वर्ष में 1,06,800 करोड़ हो गया है. केंद्र सरकार ने बहुत सारे हथियारों, वाहनों, उपकरणों आदि की सूची बनायी है, जिन्हें आयात नहीं किया जा सकता है यानी उनकी खरीद अनिवार्य रूप से देश में ही करनी है. यह सूची लगातार बड़ी होती जा रही है. घरेलू बाजार में जो उत्पादन हो रहा है, उसमें सामान्य कल-पुर्जों से लेकर हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी, युद्धपोत, टैंक, टोप, राइफल, छोटे हथियार सब शामिल हैं.

स्थानीय खरीद के लिए अलग से बजट का प्रावधान भी बहुत सहायक सिद्ध हुआ है. वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में रक्षा मद में निर्दिष्ट किया गया था कि सैन्य साजो-सामान की खरीद के बजट का 68 प्रतिशत हिस्सा घरेलू बाजार से होने वाली खरीद पर खर्च किया जायेगा. चालू वित्त वर्ष में इसे बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है. इसका अर्थ यह है कि 2023-24 में लगभग एक लाख करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान घरेलू बाजार से खरीदे जायेंगे.

ऐतिहासिक रूप से हम अपनी सैन्य आवश्यकताओं के लिए आयात पर अत्यधिक निर्भर रहे हैं. सुधारों के बाद अनेक विदेशी कंपनियों ने साझेदारी में देश के भीतर ही उत्पादन करना शुरू कर दिया है. फरवरी में आयोजित एयरो इंडिया प्रदर्शनी के दौरान 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश समझौते हुए हैं. आगामी वर्षों में ऐसे निवेश में व्यापक वृद्धि की संभावना है क्योंकि स्थानीय उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ भारत का रक्षा निर्यात भी बढ़ता जा रहा है.

बीते वित्त वर्ष में भारत का रक्षा निर्यात लगभग 16 हजार करोड़ रुपये का रहा था, जो 2016-17 की तुलना में दस गुना से भी अधिक था. तब यह आंकड़ा केवल 1,521 करोड़ रुपये था. इन उपलब्धियों का महत्व इस तथ्य से इंगित होता है कि भारत आज 85 देशों को रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है. इसका एक अर्थ यह भी है कि इन उत्पादों की गुणवत्ता स्तरीय है. यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जब हमारी तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया चल रही है. इससे अनुसंधान और नवोन्मेष को भी बढ़ावा मिलेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें