11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सब के हितैषी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

लक्षित आबादी के अनुरूप योजना बनाना, उसका लक्ष्य निर्धारित करना और फिर उसे प्राप्त करना प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली की विशेषता है.

वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पद संभालने के बाद से उनकी लोकप्रियता भी बढ़ी है और जनता का उन पर भरोसा भी बढ़ा है. प्रधानमंत्री मोदी ने जन भागीदारी को सरकारी नीति और निर्णयों का हिस्सा बना कर लोकतंत्र को एक नयी उंचाई दी है. अपने सात साल के कार्यकाल में ‘कड़े और बड़े’ फैसले लेने के साथ-साथ उन्होंने जन सरोकार से जुड़े अनेक ऐसे नवाचारों को बल दिया, जो आम जन के जीवन में बड़े बदलाव लानेवाले साबित हुए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने गत वर्षों में स्वच्छ, भ्रष्टाचारमुक्त, निर्णयकारी और पारदर्शी शासन का एक ऐसा मॉडल महसूस किया है, जिसमें जन अभिव्यक्ति तथा उसकी आशाओं एवं आकांक्षाओं को सुना जाता है. सरकार की हर योजना में राष्ट्रहित, समाजहित तथा जनहित को प्राथमिकता देकर उन्होंने सर्वस्पर्शी तथा सर्वांगीण विकास की मजबूत बुनियाद स्थापित की है. उनकी दृष्टि में विकास के सभी छोटे-बड़े आयाम निहित हैं.

स्वच्छता आज सिर्फ एक सरोकारी विषय नहीं है, बल्कि एक जनांदोलन बन चुका है. एक सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे प्रतीकों से जोड़ते हुए परिणाम में बदलने का काम किया है. गरीबों, वंचितों तथा हाशिये के लोगों की पीड़ा को समझते हुए ‘गरीब कल्याण’ को प्राथमिकता में रखना सरकार की संवेदनशीलता का परिचायक है. जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आये, तब करोड़ों गरीबों के बैंक खाते तक नहीं थे. अतः प्रधानमंत्री जन-धन योजना लायी गयी.

इस योजना के तहत लगभग 43 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं. एक बड़े तबके को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बना कर मोदी सरकार ने देश निर्माण में देशवासियों की भागीदारी को बल देने का काम किया है. सामान्य पृष्ठभूमि से आने के कारण उनकी गरीबों की समस्याओं के प्रति जमीनी समझ तथा अत्यंत संवेदनशील दृष्टि है. यही कारण है कि उनकी सरकार में गरीबों की हर समस्या को ध्यान में रख कर योजनाओं का निर्माण तो किया ही गया है, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि समयबद्ध ढंग से उनका लाभ लक्षित आबादी तक पहुंच सके.

‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ी यह विकास यात्रा आज ‘सबका प्रयास’ के पड़ाव तक पहुंची है, तो इसके पीछे जनता का अपने नेतृत्व पर कायम अपार भरोसा ही कारण है. देश बढ़ेगा, तो देशवासी आगे बढ़ेंगे, देश तब बढ़ेगा, जब सर्वसमाज की क्षमता को अवसर मिलेगा. सबको अवसर तब मिलेगा, जब सरकार देशवासियों पर विश्वास करे. इसी में ‘सबका प्रयास’ अंतर्निहित है. जनहित के बदलाव इसी कारण संभव हो रहे हैं.

मोदी सरकार ने महिलाओं के जीवन स्तर में बेहतरी के लिए उनके जीवन से जुड़ी उन बुनियादी समस्याओं की पहचान की, जिस पर दशकों तक सरकारों का ध्यान नहीं गया. उज्ज्वला योजना के तहत धुंआ मुक्त रसोई की परिकल्पना को घर-घर तक ले जाने की सोच इसी का हिस्सा है. इस योजना में गरीब परिवारों को आठ करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है. गांवों के विद्युतीकरण का कार्य भी इसी प्रकार हुआ.

जब हम ‘सबका विकास’ की बात करते हैं, तो उसमें सिर्फ व्यक्ति की आकांक्षाएं नहीं होतीं. इसमें क्षेत्रीय एवं स्थानीय आकांक्षाओं की बात भी होती है. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के द्वारा विकास की दृष्टि से 115 अति पिछड़े जिलों का चयन कर वहां विकास कार्यों को तेजी से बढ़ाया. ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि लक्षित आबादी के अनुरूप योजना बनाना, उसका समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित करना और फिर उसे प्राप्त करना प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली की विशेषता है.

सरकार द्वारा संचालित प्रगति पोर्टल भी इसी कार्यशैली का परिचायक है. प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व की बड़ी विशेषता उनका जनप्रिय होना तो है ही, संवादप्रिय होना भी है. यह जनता से उनके जुड़ाव, जनता के मन में चलनेवाली आकांक्षाओं को जानने की इच्छा, जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप नीति-निर्माण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

वर्ष 2014 से ही ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी देशवासियों से निरंतर संवाद कर रहे हैं. इस संवाद की विशेषता यह है कि इसमें वे बहुत बड़े-बड़े विषयों की बजाय प्रायः देशवासियों के दैनिक जीवन से जुड़े किसी सामान्य से विषय पर अत्यंत सहज-सरल ढंग से चर्चा करते हुए उन्हें राष्ट्र-निर्माण में योगदान के लिए प्रेरित करते हैं.

‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों से संवाद कर उनका मनोबल बढ़ाकर प्रधानमंत्री मोदी ने जनसंवाद की एक नयी इबारत लिखी है. इसके अतिरिक्त कभी चिकित्सकों, कभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, तो कभी विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति में जनसंवाद के उच्च मानक स्थापित किये हैं.

श्रमिकों के हितों की दिशा में भी सरकार प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है. श्रम कानूनों में संशोधन करते हुए सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि श्रमिकों को उनके श्रम का उचित मूल्य मिले, उनका स्वास्थ्य बेहतर हो तथा उनके जीवनस्तर में बदलाव आए. ये कानून बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को लाभान्वित करेगा. हाल ही में शुरू ई-श्रम पोर्टल पर लगभग 50 लाख ऐसे श्रमिक पंजीकरण करा चुके हैं.

पर्यावरण को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि भविष्य की चुनौतियों पर विश्व को सचेत करनेवाली है. इस विषय में पेरिस जलवायु समझौते के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया वक्तव्य विश्व को मार्ग दिखानेवाला है. भारत का स्पष्ट मत है कि वन क्षेत्र बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन कम करने और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा देने की जरूरत है.

चाहे जी-20 हो या अन्य कोई वैश्विक मंच हो, हर जगह प्रधानमंत्री मोदी जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत की दृष्टि को विश्व के समक्ष मजबूती से रखते रहे हैं. उनके प्रयासों का ही परिणाम है कि आज जलवायु परिवर्तन से निबटने के मोर्चे पर भारत की भूमिका वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में देखी जाने लगी है.

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सदी की सबसे बड़ी आपदा से जूझते हुए भी विकास और जनकल्याण के नये अध्याय लिखने की दिशा में अग्रसर है. आज विश्व पटल पर भारत की स्थिति यदि मजबूत हुई है, तो इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी का लोकप्रिय नेतृत्व ही कारण है. न केवल भारत, अपितु वैश्विक नेताओं के बीच भी नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता नये मानक स्थापित कर रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें