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राजनितिक दलों की परेशानी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश तथा चुनाव आयोग के तीखे तेवर के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों की परेशानी का बढ़ जाना स्वाभाविक है. जो दल आज तक धर्म, जाति के नाम पर वोट झींटते आये हैं, उन्हें अचानक से निरपेक्ष होकर चुनाव लड़ने के लिए बोल दें, तो उनके पसीने छूट ही जायेंगे. उत्तर […]
सुप्रीम कोर्ट के आदेश तथा चुनाव आयोग के तीखे तेवर के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों की परेशानी का बढ़ जाना स्वाभाविक है. जो दल आज तक धर्म, जाति के नाम पर वोट झींटते आये हैं, उन्हें अचानक से निरपेक्ष होकर चुनाव लड़ने के लिए बोल दें, तो उनके पसीने छूट ही जायेंगे.
उत्तर प्रदेश के चुनाव में हिन्दू-मुसलमान, दलित-पिछड़ों के नाम पर वोट तो ले लिए जाते हैं, लेकिन उनके विकास के लिए शायद ही कुछ किया गया हो. राहुल गांधी का कांग्रेस के चुनाव चिह्न पंजे को हिन्दू अवतारों तथा सिख धर्मगुरुओं के हाथों से तुलना करना यह दर्शाता है कि कांग्रेस भी हिन्दू मतदाताओं को लुभाने के लिए लगी हुई है. अगर भारत की दो बड़ी पार्टी ही इस तरह से चुनाव लड़ना चाहती है, तो भला छोटी पार्टियां क्यों पीछे रहेंगी.
पूजा, दिल्ली
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