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समीक्षा करेगी भाजपा
जनता के प्रति सरकार की जवाबदेही तो होती ही है. साथ ही, एक संवेदनशील और सशक्त विपक्ष का होना भी जरूरी है. उसे सरकार के कार्यों की समीक्षा भी करनी होती है और जनता के साथ संवाद भी बनाये रखना होता है. हर चुनाव एक संदेश देकर जाता है. अब यदि भाजपा दिल्ली के चुनावी […]
जनता के प्रति सरकार की जवाबदेही तो होती ही है. साथ ही, एक संवेदनशील और सशक्त विपक्ष का होना भी जरूरी है. उसे सरकार के कार्यों की समीक्षा भी करनी होती है और जनता के साथ संवाद भी बनाये रखना होता है. हर चुनाव एक संदेश देकर जाता है. अब यदि भाजपा दिल्ली के चुनावी संदेश को समझ जाये, तो उसके लिए बेहतर होगा. इस चुनाव का साफ संदेश है कि स्थानीय मुद्दों पर लोगों को साथ लेकर चुनावी रणनीति तैयार की जाये.
आपसी सौहार्द और भाईचारा को बिगाड़नेवाले लोगों और ऐसे भाषण देनेवाले नेताओं से चुनावी सभा कराने से परहेज करना चाहिए. मर्यादित और संयमित भाषा का प्रयोग कर भी चुनाव जीते जा सकते हैं. भाजपा को पारंपरिक छवि को तोड़कर बाहर निकलना होगा. उसको वर्तमान समय की मांग के अनुरूप खुद को बदलना होगा. जाति, पंथ, और खोखले विषयों पर राजनीति करने से बेहतर है कि कुछ ठोस किया जाये.
यह चुनाव केंद्र सरकार के लिए भी एक सबक है कि गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी उसके खिसकते जनाधार के प्रमुख कारकों मे से हैं. हालांकि इस चुनाव में भाजपा वोट प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन मात्र इससे संतोष नहीं किया जा सकता. भाजपा को अपनी हार की समीक्षा करनी चाहिए.
– पंकज शर्मा, गया, बिहार
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