Advertisement
देश की तरक्की का लें संकल्प
वे भी क्या दिन थे, जब हम अंग्रेजी शासन के गुलाम थे. हमें अंग्रेजों व उनके नुमाइंदों की गुलामी करने के लिए मजबूर थे. लेकिन, तब हमारे पुरखे और असंख्य देशभक्तों द्वारा छेड़े गये ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन’ से घबराकर आखिरकार उन्हें यहां से भागना पड़ा. हमें 1947 में आजादी मिल गयी. हम कुछ आगे […]
वे भी क्या दिन थे, जब हम अंग्रेजी शासन के गुलाम थे. हमें अंग्रेजों व उनके नुमाइंदों की गुलामी करने के लिए मजबूर थे. लेकिन, तब हमारे पुरखे और असंख्य देशभक्तों द्वारा छेड़े गये ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन’ से घबराकर आखिरकार उन्हें यहां से भागना पड़ा. हमें 1947 में आजादी मिल गयी.
हम कुछ आगे बढ़े और 26 जनवरी, 1950 को देश गणतांत्रिक राष्ट्र बन या. कई वीरों ने उस आंदोलन में अपनी जान न्यौछावर कर दी थी. अब हमें उस बेशकीमती आजादी को सुरक्षित रखना है. हमें मिलजुल कर देश को उन्नति के शिखर पर ले जाना है. इसमें हम लगातार काम करके, कृषि और तकनीक के क्षेत्र में उत्पादनशीलता बढ़ाकर तथा शिक्षा की दर में वृद्धि लाकर सफल हो सकते हैं.
मो जमील, मधुबनी, बिहार
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement