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बच्चों के इम्तिहान का मौसम
कड़कड़ाती ठंड अपनी जीर्णावस्था प्राप्त करने को है और नये वर्ष के जश्न की खुमारी काफूर हो गयी है. अब बच्चों के इम्तिहान का मौसम आ गया है. दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं में गिने-चुने दिन बचे हैं. बच्चों की ये परीक्षाएं इनके भविष्य की दशा और दिशा तय करेंगी. यह सिर्फ बच्चों के […]
कड़कड़ाती ठंड अपनी जीर्णावस्था प्राप्त करने को है और नये वर्ष के जश्न की खुमारी काफूर हो गयी है. अब बच्चों के इम्तिहान का मौसम आ गया है. दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं में गिने-चुने दिन बचे हैं.
बच्चों की ये परीक्षाएं इनके भविष्य की दशा और दिशा तय करेंगी. यह सिर्फ बच्चों के इम्तिहान का समय नहीं है वरन् माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों के निवेश से लहलहाती फसल काटने का वक्त भी है. अनुशासित, नियमित, विषय विस्तारित एवं समर्पित अध्ययन बच्चों को अच्छे अंक दिला सकता है. सफलता का मूल मंत्र है इस समय का विवेकपूर्ण उपयोग. प्रातः चार बजे से पढ़ाई की शुरुआत वर्षों तक आपके ज्ञान को धुंधला नहीं होने देगी.
गणित में सवालों की पुनरावृत्ति, हिंदी एवं अंग्रेजी में जवाब याद करने के पश्चात लिख-लिख कर गलतियों में सुधार, विज्ञान के प्रश्नों को शांत मस्तिष्क से समझकर ट्रिक द्वारा मस्तिष्क में उकेर कर नियमित अध्ययन करने से सफलता के शीर्ष तक पहुंचा जा सकता है. ऐसे समय में माता-पिता और अभिभावकों को भी बच्चों के मन से परीक्षा का भय मिटाने और उन्हें प्रोत्साहित करने का प्रयास करना चाहिए.
देवेश कुमार ‘देव’, गिरिडीह, झारखंड
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