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बेटियों के साथ न हो अन्याय
बात हैरान करने वाली है मगर खबरों पर यकीन करें, तो हैरतअंगेज से कम नहीं. दिल्ली की एक आइवीएफ क्लिनिक पर छापा क्या पड़ा, समाज का क्रूर चेहरा सामने आ गया. दिन के उजाले में प्रशासन की नाक के नीचे बेटों की तस्करी का धंधा फलता-फूलता रहा. अपने देश में भ्रूण परीक्षण प्रतिबंधित है. लिहाजा […]
बात हैरान करने वाली है मगर खबरों पर यकीन करें, तो हैरतअंगेज से कम नहीं. दिल्ली की एक आइवीएफ क्लिनिक पर छापा क्या पड़ा, समाज का क्रूर चेहरा सामने आ गया. दिन के उजाले में प्रशासन की नाक के नीचे बेटों की तस्करी का धंधा फलता-फूलता रहा. अपने देश में भ्रूण परीक्षण प्रतिबंधित है.
लिहाजा क्लिनिक के कॉल सेंटर ने गुपचुप भ्रूण परीक्षण की सुपारी ली और बदले में दिए दुबई के टिकट. ऑनलाइन हो रहे इस खेल की भनक किसी को नहीं लगी. कैसी विडंबना है? बेटों की चाहत में गैरकानूनी और मंहगे धंधे में देश के धनाढ्य लोगों का हाथ होना तय है. और उनको राजनीतिक संरक्षण मिलना कोई आश्चर्य की बात नहीं. अफसोस है इस देश में सफेदपोशों की पहचान तक मुमकिन नहीं होती. ऐसे गोरखधंधे में शामिल अस्पतालों और लाभार्थियों की तुरंत धर-पकड़ की जाए ताकि बेटियों के साथ होते अन्याय पर अंकुश लग सके.
एमके मिश्रा, रातू, रांची
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