शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के आ रहे बयान के बाद झारखंड में पारा शिक्षकों का भविष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है. एक ओर जहां नियुक्ति नियमावली के बनने में आ रही पेच व दूसरी ओर देश में लागू हुई नयी शिक्षा नीति ने इसे और बल दिया है. राज्य में 65 हजार पारा शिक्षक कार्यरत हैं.
अब उनका खुद का भविष्य धुंधला नजर जा रहा है. पिछले साल जब उनका आंदोलन नियुक्ति नियमवाली बनाने व स्थायीकरण को लेकर हुआ, तो सरकार ने इस पर सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया. नियमावली बनाने की एक समय सीमा निर्धारित कर दी गयी, मगर यह नियमावली अब तक नहीं बन पायी है.
बिनोद कुमार, चंद्रपुरा, बोकारो