हाल के दिनों में देश की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है. कई कम उम्र के युवा जो न ही धूम्रपान करते हैं, न ही मदिरापान, उन्हें भी फेफड़े संबंधित कैंसर से दो चार होना पड़ रहा है. पर्यावरण सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है.
यह नागरिकों का भी कर्तव्य है कि हम पर्यावरण की सुरक्षा करें. अपने आने वाली पीढ़ी को एक सुरक्षित पृथ्वी हस्तानांतरित करें, जैसा हमारे पूर्वजों ने दिया था, नहीं तो आनेवाली पीढ़ियां ही नहीं, हम सब पर भी भयंकर खतरा आने वाला है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता. सभी युवाओं से आग्रह है कि वे पर्यावरण सुरक्षा की ओर कदम बढ़ाएं, छोटी-छोटी कोशिशों से बड़ी कामयाबी मिल सकती है.
प्रमित मिश्रा, नेवरी विकास, रांची