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अभिभावकों का शेषण कर रहे निजी विद्यालय
बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए सभी अभिभावक हर संभव प्रयास करते हैं. राज्य में सरकारी विद्यालय तो है, लेकिन शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं होने के कारण अभिभावक निजी विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर दिखते हैं, जहां नामांकन, फी, किताबें व अन्य सुविधा शुल्क इतनी महंगी है कि गरीब, किसान […]
बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए सभी अभिभावक हर संभव प्रयास करते हैं. राज्य में सरकारी विद्यालय तो है, लेकिन शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं होने के कारण अभिभावक निजी विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर दिखते हैं, जहां नामांकन, फी, किताबें व अन्य सुविधा शुल्क इतनी महंगी है कि गरीब, किसान व पिछड़ा परिवार के बच्चे नहीं पढ़ सकते. हां, अमीर परिवार के बच्चे जरूर वहां पढ़ते हैं.
इस तरह गरीब, किसान व पिछड़ा परिवार के बच्चों का भविष्य चौपट हो जाता है. इनकी परवाह करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में बिहार सरकार को चाहिए कि इनके भविष्य की चिंता करें और राज्य भर के सरकारी विद्यालयों की स्थिति बेहतर हो, इस पर ध्यान दें.
सोनू कुमार सोनी, लौरिया (प. चंपारण)
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