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मजबूत लोकतंत्र में पुन: दो सौ प्वाइंट रोस्टर
बीते 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पहले से चले आ रहे 200 प्वाइंट रोस्टर को खत्म कर दिया जायेगा तथा 13 प्वाइंट रोस्टर विभागावार आरक्षण लागू किया जायेगा. इसके तहत दलित आदिवासी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़े वर्गों को कम सीटों […]
बीते 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पहले से चले आ रहे 200 प्वाइंट रोस्टर को खत्म कर दिया जायेगा तथा 13 प्वाइंट रोस्टर विभागावार आरक्षण लागू किया जायेगा. इसके तहत दलित आदिवासी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़े वर्गों को कम सीटों पर आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा था. इसके लिए कई दिनों से विश्वविद्यालय के शिक्षक व प्रबुद्ध लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
कई संगठन, शिक्षक, छात्रों व विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के सहयोग से पांच मार्च को भारत बंद किया गया. इससे सरकार दबाव में आया और जल्द ही अध्यादेश लाकर पुनः पुराने 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने का आश्वासन दिया, जिससे लोकतंत्र का खंभा मजबूत होता दिख रहा है.
नितेश कुमार सिन्हा, जानपुल चौक (मोतिहारी)
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