Advertisement
लोकतंत्र को किससे खतरा है?
‘आज लोकतंत्र खतरे में है ‘ का स्वर समाचार पत्रों और टीवी समाचार माध्यमों में सबसे ज्यादा आ रहे हैं. विभिन्न राजनैतिक दलों (सत्तासीन और विपक्ष दोनों ही तरफ से) लोकतंत्र के शुभचिंतकों, लेखकों, पत्रकारों और सामाजिक संगठनों द्वारा व्यक्त की जा रही है. आखिर अभी देश में ऐसा क्या हो गया कि हमारे लोकतंत्र […]
‘आज लोकतंत्र खतरे में है ‘ का स्वर समाचार पत्रों और टीवी समाचार माध्यमों में सबसे ज्यादा आ रहे हैं. विभिन्न राजनैतिक दलों (सत्तासीन और विपक्ष दोनों ही तरफ से) लोकतंत्र के शुभचिंतकों, लेखकों, पत्रकारों और सामाजिक संगठनों द्वारा व्यक्त की जा रही है.
आखिर अभी देश में ऐसा क्या हो गया कि हमारे लोकतंत्र को ग्रहण लग गया? अभी-अभी पश्चिम बंगाल में हुई दुखद घटना में केंद्र में सत्तारूढ़ दल और लगभग सभी विपक्षी पार्टियां समवेत स्वर में, दोनों तरफ से ‘लोकतंत्र खतरे में है’, की बात एक-दूसरे पर आरोपित कर रही है.
पश्चिम बंगाल के डीजीपी पर छापामार स्टाइल में कार्यवाही करने गयी सीबीआइ को कोलकाता पुलिस के माध्यम से रोककर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अलोकतांत्रिक कार्य किया है, परंतु केंद्र सरकार के निर्देशों पर बगैर किसी समुचित कागजात के डीजीपी स्तर के अधिकारी के घर रात में छापा मारने गयी सीबीआइ और केंद्र सरकार ने कम अलोकतांत्रिक कार्य नहीं किया है? दोनों पक्ष लोकतंत्र के चीरहरण के दोषी हैं!
निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement