हजारीबाग दिन-प्रतिदिन विद्यार्थियों का अध्ययन केंद्र बनता जा रहा है. विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस कारण मकान मालिकों की दादागिरी भी बढ़ गयी है. वे रूम का किराया मनमाने तरीके से बढ़ा रहे हैं जिसके कारण विद्यार्थियों के समक्ष आर्थिक संकट खड़े हो गये हैं.
कुछ वर्ष पूर्व यहां सबकुछ सामान्य थी परंतु अब मकान मालिकों ने मजबूरी का फायदा उठाना शुरू कर दिया है. यदि यही स्थिति आगे भी रही तो हजारीबाग में विद्यार्थियों का रहना दूभर हो जायेगा. यहां पढ़ने वाले लगभग सभी छात्र- छात्राएं सामान्य परिवार से हैं और मेहनत से पढ़ाई करते हैं. हजारीबाग प्रशासन से निवेदन है कि उचित कदम उठाये जो मकान-मालिकों की मनमानी को रोक सके.
आशीष कुमार, कोर्रा, हजारीबाग