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राबड़ी देवी आज नहीं होंगी ईडी के सामने हाजिर, रेलवे टेंडर घोटाला मामले में थी पेशी

पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मनी लॉड्रिंग मुकदमा मामले में ईडी के सामने पेश नहीं होंगी. बताया जा रहा है कि आज ही यानी बुधवार को सुबह के 10 बजे राबड़ी देवी को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन पार्टी […]

पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मनी लॉड्रिंग मुकदमा मामले में ईडी के सामने पेश नहीं होंगी. बताया जा रहा है कि आज ही यानी बुधवार को सुबह के 10 बजे राबड़ी देवी को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो राबड़ी देवी आज पटना में हैं और वह कार्यालय में नहीं जायेंगी. इससे पूर्व भी एक बार राबड़ी देवी को नोटिस जारी किया जा चुका है. साथ ही, सीबीआइ के सामने लालू और तेजस्वी पेश हो चुके हैं. ईडी ने मंगलवार को तेजस्वी यादव से नौ घंटे तक पूछताछ की और कहा जा रहा है कि तेजस्वी विभागीय अधिकारियों को अपने जवाब से संतुष्ट नहीं कर पाये हैं.

सीबीआई ने हाल ही में इस मामले में तेजस्वी और लालू प्रसाद के बयान दर्ज किये थे. एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला कुछ समय पहले दर्ज किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले संप्रग सरकार में मंत्री रहे पीसी गुप्ता की पत्नी सहित कुछ लोगों से पूछताछ की थी. एजेंसी ने खुद की आपराधिक शिकायत के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी एक प्राथमिकी को संज्ञान में लिया है. जुलाई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक आपराधिक प्राथमिकी दर्ज करके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और कई अन्य के खिलाफ कई स्थानों पर तलाशी भी ली थी. अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय आरोपी द्वारा कथित मुखौटा कंपनियों के जरिये किये गये अपराधों की जांच करेगी.

प्रवर्तन मामला, सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) में दर्ज आरोपों के लिए राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य पर जांच चलेगी. सूचना रिपोर्ट में दर्ज मामला पुलिस प्राथमिकी के समान होता है. यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे. सीबीआई की प्राथमिकी में विजय कोचर, विनय कोचर (सुजाता होटल के निदेशक), डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (मौजूदा समय में लारा प्रोजेक्ट) और आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक पीके गोयल का नाम है. इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का काम एक कंपनी को पटना में प्रमुख जगह पर स्थित जमीन रिश्वत के रुप में प्राप्त करके सौंपा था। यह रिश्वत बेनामी कंपनी के जरिये ली गई थी, जिसकी मालिक सरला गुप्ता है.

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