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लालू से गठबंधन के सवाल पर मांझी ने दिया बेबाक जवाब, नीतीश और एनडीए पर भी खुलकर बोले, पढ़ें

पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी एक बार फिर चर्चा में हैं. मांझी ने एक पत्रकार के साथ सोशल मीडिया पर दिल की बात कहते हुए, बहुत सारे मामले का खुलासा किया है. मांझी ने अपने कार्यकाल के दौर की चर्चा की है और खुलकर […]

पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी एक बार फिर चर्चा में हैं. मांझी ने एक पत्रकार के साथ सोशल मीडिया पर दिल की बात कहते हुए, बहुत सारे मामले का खुलासा किया है. मांझी ने अपने कार्यकाल के दौर की चर्चा की है और खुलकर बताया है कि कैसे अधिकारी उनकी बातों को अनसुना कर देते थे. मांझी ने एनडीए में अपनी अनदेखी के साथ नीतीश कुमार को लेकर भी कई बातें कही हैं. मांझी ने बातचीत में लालू यादव के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गये सवाल पर बेबाकी से बात करते हुए यह कहा है कि राजनीति में कुछ भी संभव है.

मांझी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ लालू प्रसाद यादव से गठबंधन कर सकते हैं, तो वे क्यों नहीं लालू के साथ जा सकते हैं. उन्होंने साफ कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है. मांझी की बातों से स्पष्ट लगा कि आने वाले दिनों में यदि एनडीए में उनके प्रति दृष्टिकोण को बदला नहीं गया, तो वह दूसरा कदम भी उठा सकते हैं. मांझी ने सीएम रहते हुए अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि 2014 लोकसभा चुनावों के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बना तो दिया गया, लेकिन उनकी कुछ चलती नहीं थी. उन्होंने बिना लाग लपेट के कहा कि नीतीश कुमार के नौकरशाहों के सामने उनकी एक नहीं चलती थी.

मांझीने बातचीत में कहा कि सीएम रहते 4 महीने कोई काम अपनी मर्जी से नहीं कर सके और उनके ही अधिकारी उनकी कोई बात नहीं सुनते थे. पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि वे अपने फैसले सरकार में लागू नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि उनकी लगातार उपेक्षा हो रही थी और उनके सीएम रहते उनके ही अधिकारी दूसरों के निर्देशों पर चल रहे थे, तो मजबूरन चार महीने बाद उन्होंने चुप्पी तोड़नी शुरू की. उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर कोई विवादित बयान नहीं दिया था और उन्हें जो सही लगा वही किया. मांझी ने कहा कि जब नीतीश कुमार उनको हटाना चाहते थे, तो उनको खुलकर बोलना चाहिए था. मांझी ने कहा कि यदि नीतीश सीधे कहते तो वे सीएम की कुर्सी छोड़ देते. बकौल मांझी उन्हें इस बात का दुख है कि उन्होंने दूसरे माध्यम से बात कहलवाई.

इस दौरान मांझी शरद पर भी जमकर बरसे और कहा कि शरद यादव के कारण ही पार्टी टूटी थी और शरद यादव ने अलग से बैठक बुलाकर विवाद बढ़ाया था. मांझी ने कहा था कि वे तो अच्छे माहौल में 7 सर्कुलर आवास की बैठक में गए थे लेकिन आगे हालत बिगड़ गये. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उनका साथ नहीं दिया. मांझी ने कहा कि यदि भाजपा पूरा साथ देती तो वे जरूर सरकार बचा लेते. मांझी ने कहा कि बीजेपी की धोखेबाजी का अंदाजा उन्हें पहले ही लग गया था और मुश्किल घड़ी में साथ देने वाले अपने समर्थक विधायकों को वे परेशानी में नहीं डालना चाहते थे इसलिए फ्लोर पर जाने से पहले अंतिम वक्त में राजभवन जाने का फैसला किया.

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