संवाददाता, पटना
पटना विश्वविद्यालय के डॉल्फिन शोध केंद्र में शुक्रवार को गुजरात स्थित वनतारा की डॉल्फिन एक्सपर्ट टीम ने भ्रमण किया. इनमें दो डॉल्फिन विशेषज्ञ अमेजन की नदियों में पायी जाने वाली मीठे जल की डॉल्फिन इनिया जिऑफरेंसिस (बोटो) के एक्सपर्ट थे. वनतारा प्रोग्राम का उद्देश्य है कि गंगा डॉल्फिन को और अधिक से अधिक से किस तरह से संरक्षित किया जाये, ताकि पिछले 50 वर्षों में इनकी संख्या में आयी कमी को दूर किया जाये. एक्सपर्ट की टीम कई अन्य पहलुओं पर भी शोध करने का प्रस्ताव लेकर आये हैं. वे बिहार सरकार के वरीय अधिकारियों के साथ भी मिलकर गांगेय डॉल्फिन के संरक्षण में अधिक से अधिक योगदान देने में मदद कर सकते हैं. उन लोगों ने आज राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध केंद्र में पिछले 15 दिनों से डॉल्फिन संरक्षण पर चल रहे इंटर्नशिप कोर्स के विद्यार्थियों से भी बातचीत करते हुए अपने अनुभवों को साझा किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

