पटना : बिहार की सियासत के बड़े खिलाड़ी और राजद सुप्रीमो लालू यादव ने ज्योतिष के कहने पर एक बड़ा कदम उठाया है. बेनामी संपत्ति के आरोपों से घिरे पूरे परिवार और लगातार जब्त हो रही संपत्ति की परेशानियों से दो-चार हो रहे लालू ने यह कदम ज्योतिष परामर्श के बाद उठाया है. जानकारी के मुताबिक गत पंद्रह दिनों से लालू ने सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेवन किया है. उन्होंने मांसाहारी भोजन की तरफ नजर डाला भी नहीं है. जानकारी की मानें, तो लालू यादव आचार-विचार में भी पूरी तरह सावधानी बरत रहे हैं. उन्होंने शाकाहार का पालन पूरी तन्मयता से शुरू कर दिया है.
मीडिया से बातचीत में लालू यादव ने साफ संकते दिया है कि वह देशी मछलियों के पहले भी शौकीन रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने मांस-मछली खाना बिल्कुल छोड़ दिया है. पार्टी के अंदर की सूत्रों की मानें, तो पार्टी में हाल में राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाये गये शंकर चरण त्रिपाठी पेशे से एक ज्योतिष भी हैं, उन्होंने लालू को यह बड़ी सलाह देते हुए कहा है कि वह मांसाहारी भोजन बिल्कुल त्याग दें, उन्हें बहुत जल्द तात्कालिक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी. लालू ने ज्योतिष शंकर शरण त्रिपाठी की बात मान ली है और गत पंद्रह दिनों से मांसाहारी भोजन को हाथ तक नहीं ल गाया है.
ज्योतिष ने बताया है कि पहले लालू जी ने जो महादेव की कसम खाकर, बाद में अपनी कसम तोड़ दी थी, वह बिल्कुल ठीक नहीं है, इसलिए उन्हें तत्काल मांसाहार छोड़ देने की सलाह दी गयी है. इससे पूर्व भी लालू प्रसाद ने सपने में भगवान शंकर को देखा था और उन्होंने उनके दिये गये निर्देश का पालन किया था. उन्होंने टीवी चैनलों पर बताया है कि जब उन्होंने मांसाहार से छुटकारा पाया था, तो उनके ऊपर संकट कम हो गये थे. अब एक बार फिर वह भगवान शंकर की शरण में पहुंच गये हैं. उन्होंने स्वयं कहा था कि बाद में उन्होंने भगवान भोले की आज्ञा को दरकिनार करते हुए अंडा से शुरुआत की और सबकुछ खाने लगे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. उन्होंने शाकाहार में दही, मट्ठा के साथ अपना पारंपरिक भोजन लिट्टी चोखा और चने का सत्तु और खिचड़ी खाना शुरू कर दिया है. गौरतलब हो कि इन दिनों बिहार के इस सबसे बड़े सियासी परिवार पर संकट का साया मंडरा रहा है.
यह भी पढ़ें-
बिहार : कल दिल्ली में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे नीतीश