पटना : उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से पूरे देश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में शराबबंदी लागू होगी तो धंधेबाज लोग बच नहीं सकते हैं. सोमवार को विधानसभा स्थित अपने कक्ष में उन्होंने कहा कि देश के झारखंड, उड़ीसा व छत्तीगढ़ जैसे कई राज्यों में शराबबंदी को लेकर आंदोलन चलाये जा रहे हैं. उन्होंने सपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश प्रसाद यादव को शराबबंदी लागू करने का सुझाव दिया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी लागू करने का राज्य सरकारों को निर्णय लेना है. इसमें केंद्र का कोई रोल नहीं है. राज्य सरकार इसे तत्काल निर्णय लेकर लागू करेगी तभी सफलता मिलेगी. तमिलनाडु में स्व करुणानिधि ने भी इस पर पहल की थी. स्व जयललिता ने भी शराबबंदी के एक हिस्से को लागू किया था. उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने शराबबंदी को लेकर छत्तीसगढ़, झारखंड व लखनऊ के सम्मेलन में इसकी पैरोकारी की है.
सीएम नीतीश ने बताया कि शराबबंदी को लेकर कई राज्यों से आमंत्रण मिलता रहा है. उड़ीसा में किशन पटनायक की पत्नी द्वारा हाल ही में ओड़िसा आने के लिए आमंत्रित कर रही है. वह शराबबंदी को लेकर आंदोलन चला रही है. समाज सुधार के लिए यह बहुत ही जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने होम डिलवरी का पर कहा कि अगर ऐसा है तो लोगों को इसकी सूचना देकर ऐसे लोगों की सूचना देनी चाहिए. इसके लिए अलग आइजी की व्यवस्था व टेलीफोन नंबर जारी किया गया है. इस काम में सबका सहयोग जरूरी है. उन्होंने बताया कि जब शराबबंदी को लेकर गरीबों के आर्थिक संकट की बात आयी तो इसके लिए सतत जीविकोपार्जन योजना चलायी गयी जिसमें 60 हजार से अधिक का लोन दिया जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी का मूल्यांकन सामाजिक आधार पर किया जाना चाहिए. किस तरह से घर के अंदर का वातावरण में सुधार हुआ है. परिवारों की संतुष्टि का अध्ययन करें तो इसके सफलता की जानकारी मिलेगी.
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