गोपालगंज : प्याज की महंगाई एक्सप्रेस की गांव से शहर तक धूम मची है. यूं तो प्याज काटने पर आंसू निकलते हैं, लेकिन फिलहाल प्याज का नाम और कीमत सुन कर ही लोगों के आंसू निकल रहे हैं. आम आदमी के किचेन से प्याज लगभग गायब हो चुका है.
प्याज की रेकाॅर्ड तोड़ उछाल से बिक्री और खपत आधी से भी कम रह गयी है. इन दिनों प्याज की महंगाई एक्सप्रेस 40 की स्पीड पर दौड़ रही है. महज 15 दिनों में ही प्याज के भाव में प्रति किलो 20 रुपये का इजाफा हुआ है. ठीक एक पखवारा पूर्व प्याज का भाव 20 रुपये प्रति किलो था. इन दिनों बाजार में प्याज 40 रुपये किलो बिक रहा है.
आम आदमी के किचेन ही नहीं बल्कि होटल और रेस्तरां से भी प्याज गायब होते जा रहा है. बर्गर में प्याज की मात्रा कम कर दी गयी है. वहीं भुजा वाले प्याज के बदले मूली दे रहे हैं. जो लोग एक किलो प्याज खरीदते थे वे लोग अब पाव में खरीदारी कर रहे हैं. प्याज की दर में कमी कब आयेगी इस पर व्यापारी कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं.
प्याज के कारोबारी अनिल कुमार ने बताया कि कई प्रदेशों में बाढ़ आने के कारण प्याज की दर में वृद्धि हुई है. नासिक से प्याज कम आ रहा है. पहले जिले में 50 से 60 ट्रक जहां प्याज आता था, वहीं अब पांच से 10 ट्रक प्याज आ रहा है.
रिटेलर कमा रहे मुनाफा : दिनों दिन प्याज के दाम में वृद्धि जारी है. ऐसे में रिटेलर जम कर मुनाफा कमा रहे हैं.
बड़े बाजारों को छोड़ दिया जाये, तो छोटे और गांव के बाजार में प्याज की कोई निश्चित कीमत नहीं है. रविवार को कई बाजारों में प्याज 50 से 55 रुपये किलो बिका. यूं कहा जाये, तो जिले में प्याज का भाव पूरी तरह अनियंत्रित है.
