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आर्थिक मोर्चे पर मोदी को मूडीज का सलाम, जेटली ने कहा – अब विरोधी करें आत्मचिंतन

नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की रेटिंग सुधारे जाने पर नरेंद्र मोदी सकरार खासा उत्साहित है. इस मुद्दे पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि इस एजेंसी ने हमारी सरकार के सुधारात्मक कामकाजपरमुहर लगायीहै. उन्होंने कहा कि हम 13 साल बाद भारत की रेटिंग का स्तर […]

नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की रेटिंग सुधारे जाने पर नरेंद्र मोदी सकरार खासा उत्साहित है. इस मुद्दे पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि इस एजेंसी ने हमारी सरकार के सुधारात्मक कामकाजपरमुहर लगायीहै. उन्होंने कहा कि हम 13 साल बाद भारत की रेटिंग का स्तर सुधारने के मूडीज के फैसले का स्वागत करते हैं.वित्तमंत्री ने कहाकि यह पिछले कुछ सालों में उठाये गये सकारात्मक कदमों को मिली मान्यता है पर यह देर से मिली है.

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछले 3-4 साल में किये गये सुधारों से भारत अधिक तेजी से वृद्धि की राह पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में उठाये गये कदम एक तय योजना के अनुसार हैं, इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति मिलना उत्साहजनक है.

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत की सुधार प्रक्रिया के बारे में संदेह रखने वाले अब अपनी राय पर गंभीरता से आत्मचिंतन करेंगे. हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता व वाजपेयी सरकार के में वित्तमंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की बार-बार आलोचना की है. सिन्हा ने जेटली पर आरोप लगाया था कि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था का कबाड़ा कर दिया है. सिन्हा की आलोचनाआें का सहारा लेकर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर जोरदार हमला बोला. यूपीए सरकार के वित्तमंत्री रहे पी चिदंबरम ने एनडीए सरकार की आर्थिक नीतियों की तीखी आलोचना की.

मूडीज की रेटिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर प्रसन्नता जतायी है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी इसका स्वागत करते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य उज्ज्वल है और उम्मीद है कि अब दूसरी एजेंसियां भी हमारी रेटिंग सुधारेंगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के अाधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि 2004 के बाद पहली बार मूडीज ने भारत की रेटिंग सुधारी है. ट्वीट में कहा गया है कि मूडीज को नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारों, कारोबारी वातावरण, उत्पादकता, निवेशकों को आकर्षित करने करने में सफल रहने पर विश्वास है.


मूडीज ने भारत की रेटिंग में किया सुधार, कहा – सुधारों से मिलेगी आर्थिक वृद्धि को गति

अमेरिका स्थित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों से घरेलू अर्थव्यवस्था में वृद्धि की संभावनाएं बेहतर होने के कारण देश की रेटिंग एक पायदान बढाकर आज बीएए2 कर दी. रेटिंग में यह सुधार 13 वर्ष बाद हुआ है. इससे पहले 2004 में देश की रेटिंग सुधारकर बीएए3 की गयी थी. वर्ष 2015 में उसने रेटिंग परिदृश्य को सकारात्मक से स्थिर किया था. बीएए3 रेटिंग निवेश श्रेणी का सबसे निचला दर्जा है.

रेटिंग की अहम बातें

सुधारों में सतत प्रगति से आने वाले समय में भारत की तेज आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं बेहतर होंगी. इससे सरकार के ऋण के लिए स्थिर एवंबड़ा वित्तीय आधार तैयार होगा और यह मध्यम अवधि में सरकार के ऋण दबाव में क्रमिक कमी लाएगा. यह निवेशकों को किसी देश में निवेश से संबंधित जोखिमों से अवगत कराता है. इन जोखिमों में राजनीतिक जोखिम भी शामिल होता है. लंबे समय से भारत को रेटिंग एजेंसियां निवेश की सबसे निचली श्रेणी बीएए3 में रखती आयी हैं. मूडीज ने अब इसे एक पायदान ऊपर किया है.

रेटिंग एजेंसी ने चेतावनी देते हुए कर्ज के भारी दबाव को देश के क्रेडिट प्रोफायल पर नकारात्मक धब्बा बताया है. उसने कहा, मूडीज का मानना है कि सुधारों ने कर्ज में बड़ी वृद्धि के जोखिम को कम किया है. एजेंसी ने आगे कहा है कि सुधारों ने सतत आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को बेहतर किया है. उसने कहा कि सरकार आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों की लंबी प्रक्रिया के बीच से गुजर रही है.

मूडीज ने कहा है कि जहां कई सारे महत्वपूर्ण सुधार अभी शुरुआती अवस्था में हैं, मूडीज का मानना है कि जिन सुधारों को अब तक अमल में लाया जा चुका है वे कारोबार के माहौल में सुधार के सरकार के लक्ष्य को आगे बढाएंगे. इससे उत्पादकता बढेगी, विदेशी एवं घरेलू निवेश में तेजी आएगी और अंतत: तेज और सतत आर्थिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा. मूडीज ने कहाहै कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे सुधार ने राज्यों के बीच के व्यापार की रकावटों को दूर किया है.

इसके अलावा मौद्रिक नीति ढांचे में सुधार, बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में कमी लाने को उठाये गये कदम, नोटबंदी, जैविक खादों की आधार प्रणाली, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये लाक्षित आवंटन और अर्थव्यवस्था में अनौपचारिकता में कमी जैसे सुधार महत्वपूर्ण हैं.

मूडीज के अनुसार, इनमें से अधिकांश सुधारों का प्रभाव दिखने में समय लगेगा और जीएसटी तथा नोटबंदी जैसे कदमों ने भी निकट अवधि में वृद्धि को सुस्त किया है. एजेंसी ने मार्च 2018 में समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सुधरकर 6.7 प्रतिशत हो जाने की संभावना व्यक्त की है. हालांकि लघु एवं मध्यम उपक्रमों तथा निर्यातकों की मदद के लिए जीएसटी में किये गये सुधार से रकावटें नरम पडने के कारण वास्तविक जीडीपी वृद्धि अगले वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है.

उसने कहा, दीर्घकालीन संदर्भ में भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं अधिकांश अन्य बीएए रेटिंग वाली अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी बेहतर हैं.

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