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पाकिस्तान ही नहीं, चीन भी भारत में भड़का रहा है हिंसा, दार्जीलिंग के आंदोलनकारियों को दे रहा हथियार

सिलीगुड़ी : सीमा पर तनाव उत्पन्न करने के साथ-साथ चीन ने भारत के अंदर भी हिंसा भड़काने में लगा है. दार्जीलिंग में अलग गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन कर रहे लोगों को हथियार भी मुहैया करा रहा है. खुफिया रिपोर्ट में ये बातें कही गयी हैं. इस रिपोर्ट के बाद से शासन-प्रशासन की नींद उड़ […]

सिलीगुड़ी : सीमा पर तनाव उत्पन्न करने के साथ-साथ चीन ने भारत के अंदर भी हिंसा भड़काने में लगा है. दार्जीलिंग में अलग गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन कर रहे लोगों को हथियार भी मुहैया करा रहा है. खुफिया रिपोर्ट में ये बातें कही गयी हैं. इस रिपोर्ट के बाद से शासन-प्रशासन की नींद उड़ गयी है. अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गयी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में 27 दिनों से जारी गोरखालैंड आंदोलन को पड़ोसी देश चीन की भरपूर मदद मिल रही है. आंदोलनकारियों को सिक्किम और नेपाल के रास्ते चीन आग्नेयास्त्र और विस्फोटकों की सप्लाई कर रहा है. इससे पहले खुलासा हुआ था कि गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के शीर्ष नेताओं की सिक्किम में पूर्वोत्तर भारत और नेपाल के प्रतिबंधित संगठनों के साथ गुप्त मीटिंग हुई थी.

इस गुप्त मीटिंग से संबंधित जो रिपोर्ट खुफिया विभाग ने सरकार को भेजीथी,उसके अनुसार, आंदोलनकारी मोरचा नेताओं ने उग्रवादी संगठनों के साथ आग्नेयास्त्रों की आपूर्ति पर खास बातचीत की थी. इसके बाद ही चीन ने भी गोरखालैंड आंदोलन में अपनी हिस्सेदारी के लिए काग दृष्टि गड़ानी शुरू कर दी.

गुप्त मीटिंग के बाद ही सिक्किम से सटी भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन ने अपनी गतिविधियां बढ़ानी शुरू कर दी. चीनी सैनिकों ने इस बीच कई बार सिक्किम स्थित भारतीय सीमा में प्रवेश कर कई भारतीय बंकरों को तहस-नहस भी कर दिया. चीन अपनी कूटनीतिक चाल के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन कर देश-दुनिया को भ्रमित कर गोरखालैंड आंदोलनकारियों को आग्नेयास्त्रों और विस्फोटकों की आपूर्ति कर रहा है.

गोरखा युवाओं को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग : खुफिया विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र के गोरखा युवाओं को आंदोलनकी विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. इसका पूरा दायित्व मोरचा ने भारतीय गोरखा रेजिमेंट के भूतपूर्व सैनिकों को दे रखा है. सैनिक युवाओं को बंदूक, रिवाॅल्वर, हर तरह के आग्नेयास्त्रचलानेऔर विस्फोट करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. ट्रेनिंग कैंप दार्जीलिंग-सिक्किम के दुर्गम पहाड़ी इलाकों के अलावा डुआर्स, भूटान व असम के बीहड़ जंगलों में चल रहे हैं. खबर है कि आंदोलनकारियों की हिंसा को हवा देने में चीन अहम भूमिका निभा रहा है.

प्रतिबंधित संगठनों के नेटवर्क का इस्तेमाल :चीनसीधे मोरचा को आग्नेयास्त्रों की आपूर्ति नहीं कर रहा. यह काम सिक्किम के अलावा पूर्वोत्तर के राज्यों, नेपाल,म्यांमार, और बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी व अलगाववादी संगठनों के जरिये हो रहा है. इन क्षेत्रों के प्रतिबंधित संगठनों के नेटवर्क का दार्जीलिंग के आंदोलनकारियों से सीधा संपर्क है. इन्हीं के जरिये चीन अपने हथियार इन्हें सप्लाई करता है.

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