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अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी Pfizer ने तैयार किया विश्व का पहला कोरोना वैक्सीन, नवंबर से होगा उपलब्ध…

अमेरिकी कंपनी Pfizer और जर्मन बायोटेक फर्म BioNTech ने बनायी कोरोना वायरस (Corona virus) की पहली वैक्सीन, इस महीने के अंत तक होगी उपलब्ध. प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार विश्व का पहला कोरोना वायरस 90 प्रतिशत से ज्यादा कारगर है और यह वैक्सीन लोगों को कोविड 19 से ग्रसित होने से बचा सकता है.

अमेरिका की फार्मास्युटिकल कंपनी Pfizer और जर्मन बायोटेक फर्म BioNTech का दावा है कि उनके द्वारा तैयार किये गये कोरोना वैक्सीन से लोगों को 90 प्रतिशत तक सुरक्षा मिलेगी. प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार विश्व का पहला कोरोना वायरस 90 प्रतिशत से ज्यादा कारगर है और यह वैक्सीन लोगों को कोविड 19 से ग्रसित होने से बचा सकता है.

कोरोना वैक्सीन के डेवलपर्स फाइजर और बायोएनटेक का कहना है कि यह विज्ञान और मानवता के लिए महान दिन है. छह देशों में 43,500 लोगों पर उनके वैक्सीन का परीक्षण किया गया है और सुरक्षा को लेकर इस वैक्सीन पर सवाल नहीं उठाये गये हैं. वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों की यह योजना है कि वे इस महीने के अंत तक वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग के लिए सहमति प्राप्त कर लें. इस वैक्सीन को बेहतर उपचार के साथ हमारे जीवन पर लगाये गये प्रतिबंधों से बाहर निकलने का सबसे अच्छा तरीका बताया जा रहा है.

कंपनियों ने कहा कि वैक्सीन के परीक्षण के अंतिम चरणों में दर्जनों हैं, कई परीक्षण के तीसरे स्टेज में भी हैं, लेकिन वैक्सीन बनाने वाला यह पहला है. इस वैक्सीन के निर्माण में पूरी तरह एक्पेरिमेंटल एप्रोच का सहारा लिया गया है, जिसमें वायरस के जेनेटिक कोड शामिल हैं ताकि इम्यून सिस्टम बेहतर किया जा सके.

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पिछले परीक्षणों में देखा गया है कि वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी बनाती और प्रतिरक्षा प्रणाली का एक हिस्सा जिसे टी-कोशिका कहते हैं कोरोना वायरस से लड़ता है. इस वैक्सीन का दो डोज दिया गया, जिसका अंतराल तीन सप्ताह का था. इस वैक्सीन का परीक्षण अमेरिका, जर्मनी, ब्राजील,अर्जेंटीना, साउथ अफ्रीका और टर्की में किया गया . दूसरे डोज को देने के एक सप्ताह बाद से व्यक्ति कोरोना के संक्रमण से 90 प्रतिशत सुरक्षित पाया गया है.

Pfizer कंपनी का दावा है कि इस साल के अंत तक 50 मिलियन खुराक और 2021 के अंत तक लगभग 1.3 बिलियन की आपूर्ति करने में वह सक्षम होगा. वैक्सीन की आपूर्ति करना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि वैक्सीन को माइनस 80 डिग्री सेंटीग्रेट से नीचे अल्ट्रा-कोल्ड स्टोरेज में रखना पड़ता है.

Posted By : Rajneesh Anand

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